रायपुर / छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों और राजनेताओं की ब्लैक मनी ठिकाने लगाने वाले हॉर्टिकल्चर माफिया ने अब सरकार के कई विभागों में अपना शिकंजा कस दिया है | ये पैडलर्स नौकरशाहों के जरिये राजनेताओं तक पहुंचते है | फिर उस विभाग में टेंडरों की शर्तों और कमीशन को मैनेज कर इससे उत्पन्न होने वाली ब्लैक मनी को देश के अंदर और बाहर निवेश कर व्हाइट मनी में तब्दील करते है | PHE विभाग में लगभग 10 हज़ार करोड़ के टेंडर रद्द होने के बाद कमीशन का पूर्व भुगतान करने वाले ठेकेदारों ने इन दिनों इन पैडलर्स के यहाँ धावा बोला हुआ है | ये ठेकेदार अपनी रकम की सुरक्षित वापसी या फिर विभिन्न योजनाओं के तहत पिछले रास्ते से काम दिलाने के वादे को लेकर एक मंत्री जी के चक्कर भी काट रहे है |
बताया जाता है कि PHE विभाग के समस्त टेंडर रद्द होने के बाद ब्लैक मनी पैडलर्स के निर्देश पर घोटाले में शामिल ठेकेदार अपनी आपबीती सुनाने के लिए मुख्यमंत्री निवास का दरवाजा भी खटखटाने में जुटे है | हालाँकि अभी मुख्यमंत्री से चर्चा के लिए इन्हे वक़्त नहीं मिल पाया है | छत्तीसगढ़ में PHE विभाग में 10 हज़ार करोड़ से ज्यादा से टेंडर रद्द होने के बाद विभागीय मंत्री और ENC समेत दो दर्जन से ज्यादा ऐसे बड़े ठेकेदारों के अरमानों पर पानी फिर गया है, जिन्होंने सरकारी तिजोरी में सेंधमारी करने के लिए सुनियोजित रूप से घोटाले की नींव रखी थी | हालाँकि सरकार ने टेंडर रद्द होने के 5 दिन बाद भी ना तो विभागीय मंत्री रुद्रकुमार गुरु, तत्कालीन सचिव व आईएएस अधिकारी अविनाश चम्पावत और ENC एमएल अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और ना ही उनके गिरोह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कोई संकेत दिए है।
लिहाजा ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार भी ब्लैक मनी पैडलर्स के दबाव में कोई ठोस फैसला लेने में हिच किचाहट महसूस कर रही है | घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करने को लेकर सरकार की चुप्पी ने घोटाले में शामिल दो दर्जन से ज्यादा बड़े ठेकेदारों और PHE के विभागीय अफसरों को काफी राहत दी है | घोटालेबाजों के खिलाफ शासन की ओर से ना तो FIR दर्ज कराने और ना ही उन्हें ब्लैकलिस्ट करने के लिए कोई प्रक्रिया प्रारंभ होने से उन्हें उम्मीद जगी है कि ‘मुख्यमंत्री सचिवालय’ अब कोई बीच का रास्ता निकालने में विचार तो नहीं कर रहा है | ब्लैक मनी पैडलर्स भी अपने ग्राहकों को यही संदेशा दे रहे है | बताया जाता है कि PHE घोटाले को अंजाम देने की नींव रखने वाले ब्लैक मनी पैडलर्स ने कृषि विभाग पर भी अपना शिकंजा कसा हुआ है | हाल ही में राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विभिन्न योजनाओं में हॉर्टिकल्चर माफियाओं की दखलंदाजी को लेकर FIR तक दर्ज कराने की घोषणा की थी |
हालाँकि वक़्त के साथ मंत्री जी के तेवर भी नरम पड़ गए थे | हॉर्टिकल्चर विभाग के साथ बीज निगम भी चर्चा में है | बताया जाता है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में घटिया बीजों की सप्लाई को लेकर किसानों का दम निकल रहा है | उन्हें ना तो कृषक योजनाओं का अपेक्षित लाभ मिला और ना ही पर्याप्त बारिश के बावजूद अच्छी फसल | ये किसान नकली और घटिया खाद बीजों के लिए बीज निगम को दोषी ठहरा रहे है | उधर बीज निगम के अफसर राजेश – मुकेश नामक ब्लैक मनी पैडलर्स को अचरज की निगाहों से देख रहे है | छत्तीसगढ़ में PHE और कृषि विभाग के अलावा उन विभागों में भी घोटाले का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है जहाँ हॉर्टिकल्चर माफियाओं ने अपना शिकंजा कसा है | बताया जाता है कि राजेश – मुकेश नामक दो शख्स बड़े ही सुनियोजित ढंग से भ्रष्टाचार की रकम को दुबई और मॉरीशस तक पहुंचाने का प्रबंध करते है | इसके चलते कई नौकरशाह सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी ब्लैक मनी पैडलर्स के कन्धों पर डाल देते है |
इसी के तहत ही PHE विभाग के लगभग 15 हज़ार करोड़ के कार्यों को अंजाम तक पहुंचाने का बीड़ा हॉर्टिकल्चर माफियाओं ने उठाया था | जानकारी के मुताबिक ये दोनों पैडलर्स पूरवर्ती सरकार पर जिस तरह से हावी रहे है, वैसे ही मौजूदा कांग्रेस सरकार में उनका बोलबाला दिखाई दे रहा है | PHE, हॉर्टिकल्चर और कृषि विभाग से जुडी तमाम योजनाओं के क्रियान्वयन और सरकारी रकम की बंदरबांट के मामले में राजेश – मुकेश नामक शख्स को राजनेता भी काफी कारगर मानते है | बताया जाता है कि पूरवर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में एक प्रभावशील मंत्री के जन्मदिन के मौके पर पैडलर्स ने उन्हें ढाई करोड़ की हीरा जड़ित अंगूठी गिफ्ट की थी | तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में इस अंगूठी की जमकर चर्चा रही |
यही नहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान 15 कांग्रेसी विधायकों की खरीदफरोख्त और उनके दलबदल की जवाबदारी भी ब्लैक मनी पैडलर्स ने अपने हाथों मे ली थी | ये और बात है कि कृषि योजनाओं में अफरा – तफरी के चलते किसानों का गुस्सा सरकार पर फूट पड़ा | नतीजतन विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सूपड़ा ही साफ़ हो गया | हालाँकि अब कांग्रेस सरकार भी घटिया बीजों की आपूर्ति और हॉर्टिकल्चर योजनाओं की अफरा – तफरी के मामले से घिरती नजर आ रही है |
दिलचस्प बात यह है कि हॉर्टिकल्चर माफिया जिस तरह से पूरवर्ती सरकार पर हावी रहे उसी तर्ज पर मौजूदा कांग्रेस सरकार में भी उनका दबदबा साफतौर पर नजर आ रहा है |छत्तीसगढ़ में PHE घोटाले के सामने आने के बाद आयकर – ईडी का अमला भी सक्रीय दिखाई दे रहा है | इस घोटाले की नींव रखने वाले सरकारी अफसर और ठेकेदार इस तथ्य से वाकिफ बताये जा रहे है | उधर ब्लैक मनी पैडलर्स अपनी दिल्ली तक की पहुँच का हवाला देकर दावा कर रहे है कि इन केंद्रीय एजेंसियों में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है |