बस्तर / बैंड -बाजा और बारात। ये नजारा किसी शादी ब्याह का नहीं है बल्कि सरकार के खिलाफ कर्मचारियों के आंदोलन का वो हिस्सा है, जिसके जरिये ये लोग सरकार को उसका वादा याद दिला रहे है। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक दो साल बीत गए लेकिन कांग्रेस सरकार ने ना तो बेरोजगारों के साथ वादा निभाया और ना ही सरकारी दफ्तरों में कार्यरत कर्मियों की नौकरी पक्की की। ये कर्मी बैंड -बाजा और बारात के जरिये सरकार की नींद तोड़ रहे है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में रोजगार की मांग को लेकर कई संगठन सड़कों पर है। इन संगठनों के पदाधिकारी की दलील है कि भूपेश बघेल सरकार अपने पार्टी घोषणा पत्र के वादों को फ़ौरन पूरा करे।
उनकी दलील है कि रोजगार और नियमितीकरण को लेकर कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जनता से वादा किया था। लेकिन दो साल बाद भी इस वादे को पूरा करने में कोई रूचि नहीं दिखाई। प्रदेश के रोजगार संघ ने इन मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है। बीजापुर में कलेक्टर परिसर के सामने कभी थाली पीटकर तो कभी ताली ठोककर संघ के पदाधिकारी सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर कर रहे है। हाल ही में इन प्रदर्शनकारियों ने भींख मांग कर पांच लाख रुपये इकठ्ठा किये थे। यह रकम उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दी थी। लेकिन अब यही कर्मी राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे है। बीजापुर प्रदेश पंचायत सचिव संघ और रोजगार सहायक संघ के प्रान्तीय आव्हान पर धरने पर बैठे इन कर्मियों के दो हफ्ते पूरे हो गए है। लेकिन इनकी मांगों पर तो दूर राज्य सरकार की ओर से किसी भी प्रतिनिधि ने ना तो उनकी सुध ली और ना ही मेल मुलाकात के लिए कोई दिलचस्पी दिखाई।