रायपुर / छत्तीसगढ़ में अंतरराज्यीय सीमाओं पर बीजेपी शासनकाल में बंद किये गए चेक पोस्ट दोबारा शुरू किए जाने को लेकर कांग्रेस सरकार और बीजेपी के बीच कहासुनी तेज हो गई है | मामला अब सियासी रंग लेने लगा है । राज्य की कांग्रेस सरकार ने लंबे अरसे से बंद पड़े तमाम बैरियर खोलने की कवायद तेज कर दी है | उसे उम्मीद है कि इससे 100 करोड़ से ज्यादा का सालाना राजस्व मिलेगा | उधर बीजेपी का दावा है कि इससे एक बार फिर भ्रष्ट्राचार बढ़ेगा | बीजेपी के मुताबिक परिवहन संघों की मांग और इंस्पेक्टर राज खत्म करने के लिए उसने राज्य की सीमाओं के सभी बैरियर बंद कर दिए थे | इसके स्थान पर पारदर्शितापूर्ण सिस्टम लागू किया था | लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार फिर भ्रष्ट्राचार को बढ़ावा देने में जुटी है |
पूर्व परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने कहा है कि राज्य सरकार को अपना यह फैसला वापस लेना चाहिए | उन्होंने केंद्र की उस हालिया चिट्ठी को जारी किया है, जिसे बिहार और मध्यप्रदेश की सरकारों को लिखा गया था। सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरीधर अरमने की ओऱ से लिखी गई इस चिट्ठी में यह स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि राज्यों की सीमाओं पर चल रहे चेक पोस्ट एक आर्गेनाइज्ड करप्शन को बढ़ावा देने का जरिया है। इस चिट्ठी में चेक पोस्ट बंद किए जाने का सुझाव दिया गया है।
इस चिट्ठी के आधार पर पूर्व परिवहन मंत्री राजेश मूणत ने राज्य में चेक पोस्ट शुरू किए जाने के सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि चेक पोस्ट खोला जाना चिंता की बात है। साल 2017 में इसे जब बंद किया गया था, तब राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रूपए का राजस्व मिलता था। तब चेक पोस्ट में नेशनल परमिट नहीं होने, ओवरलोडिंग, टैक्स नहीं पटाने वाली गाड़ियों पर जुर्माना वसूला जाता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद इसकी जरूरत नहीं रही। देशभर में परमिट औऱ टैक्स पटाने का आनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद चेक पोस्ट बंद करने का हमने फैसला लिया था।
मूणत ने कहा कि राज्य की सीमा के भीतर ओवरलोडिंग गाड़ियों समेत अन्य दस्तावेजों के परीक्षण के लिए आरटीओ की चेकिंग जारी है। इसे बंद नहीं किया गया है। आरटीओ को इसका अधिकार है, ऐसे में चेक पोस्ट को शुरू करने का औचित्य नहीं रह जाता। हाल ही राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर 16 चेक पोस्ट शुरू कर दिया है। सरकार ने अपनी दलील मे ंकहा है कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी।