छत्तीसगढ़ में 15 विधायकों ने ली संसदीय सचिव पद की शपथ, राज्य में विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए अब कांग्रेस भी बीजेपी की राह पर, जल्द निगम मंडलों में भी नियुक्ति का दौर, कई दिग्गज कांग्रेसी और स्थानीय नेताओं के खिले चेहरे, राजनीति के जानकारों की दलील संसदीय सचिवों की नियुक्ति तुष्टिकरण की राजनीति तो निगम मंडलों में होने वाली नियुक्ति सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा, देखे वीडियों

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रायपुर / मंगलवार को रायपुर में मुख्यमंत्री निवास पर 15 विधायकों ने संसदीय सचिव के तौर पर शपथ ली है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने शासकीय निवास में इन विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में सामरी विधानसभा के विधायक चिंतामणी महाराज ,द्वारिकाधीश यादव, विनोद सेवनलाल चंद्राकर, चन्द्रदेव राय, शकुन्तला साहू, विकास उपाध्याय, अंबिका सिंहदेव, यू.डी. मिंज, पारसनाथ राजवाड़े, इंदरशाह मण्डावी, कुंवरसिंह निषाद, गुरूदयाल सिंह बंजारे, डाॅ. रश्मि आशीष सिंह, शिशुपाल सोरी और श्री रेखचंद जैन शामिल है। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया, पीसीसी चीफ मोहन मरकाम सहित भूपेश बघेल मंत्रीमंडल के सदस्य भी मौजूद रहे।

संसदीय सचिव नियुक्ति को लेकर कांग्रेस ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को जमकर कोसा था | इस दौरान उसने संसदीय सचिव को सरकार पर बोझ और सरकारी तिजोरी से होने वाले अपव्यय को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला भी किया था | लेकिन अब कांग्रेस भी बीजेपी की राह पर चलती नजर आ रही है | राजनीति के जानकार बताते है कि राजस्थान में सत्ता को लेकर मचे घमासान से छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है | यहां भी सरकार के सामने अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं को खुश रखने की चुनौती है | भले ही सरकारी तिजोरी से व्यय-अपव्यय क्यों न हो | उनके मुताबिक संसदीय सचिव की नियुक्ति तुष्टिकरण की राजनीति है |

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जबकि निगम मंडलों में नियुक्ति सरकारी प्रकिया का हिस्सा | राजनीति के जानकार बताते है कि यदि जल्द ही यहां संसदीय सचिव और निगम मंडलों में नियुक्ति नहीं की जाती तो सरकार के खिलाफ कई विधायकों का गुस्सा सामने आता | यही नहीं निगम मंडलों में नियुक्ति को लेकर हो रही लेटलतीफी से भी कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी गई थी | राजनीति के जानकार फ़िलहाल तो इसे राजस्थान का साइड इफेक्ट बताते है | लेकिन जो भी हो संसदीय सचिव और निगम मंडलों में होने वाली नियुक्ति से कांग्रेसियों के चेहरे खिल उठे है | वे इसे सही समय पर लिया गया सरकार का सधा हुआ कदम मानते है |