कोरिया | यूं ही नहीं कहते कि जब किसी से प्यार होता है, तो उसे कुछ नहीं सूझता । जो सभी तरह के बंधनों को तोड़ देता है | न इस में जाति बंधन की दीवारे होती है न ही शारीरिक विक्लांगता आड़े आती है, ऐसा ही एक अनोखा मामला कोरिया जिले के डुमरिया गांव में देखने को मिला है | जहां पर शादी के बंधन में बंधने वाले दूल्हा और दुल्हन दृष्टिबाधित हैं | दोनों की जातियां भी अगल-अलग हैं | लेकिन इनके सच्चे प्यार ने इन्हें आखिर मिला ही दिया | खास बात ये भी है कि इस अनोखी शादी में बाराती भी दृष्टिबाधित हैं |
इस लव मैरिज में भी यही दिखाई दिया दूल्हा और दुल्हन दोनों ही दृष्टिबाधित हैं । दोनों की जातियां भी अलग-अलग हैं । बुधवार को कोरिया जिले के डुमरिया गांव में मध्य प्रदेश के ग्वालियर से बारात पहुंची । शादी में शामिल हुए बाराती भी दृष्टिबाधित थे । दृष्टिबाधित युवक और युवती की मुलाकात विश्वविद्यालय में संगीत की पढ़ाई के दौरान हुई । यहीं दोनों के बीच प्यार पनपा ।
डुमरिया गांव के सभी लोगों के लिए इस शादी को देखना एक रोचक एहसास से भरा था । लिहाजा बिना निमंत्रण के ही पूरा गांव दादू राम पनिका के घर पहुंचा गया । इन्हीं की बड़ी बेटी गूंजा की शादी हुई । जन्म से ही देख न सकने वाली गूंजा पढ़ाई में अच्छी थी । पिता ने भी साथ दिया तो बेटी चित्रकूट के रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय पढ़ने चली गई । यहां ब्रेल लिपि के माध्यम से बीएड की पढाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही मध्यप्रदेश के ग्वालियर निवासी सूरज से मुलाकात हुई । सूरज भी देख नहीं सकते और यहां संगीत कला में आईटीआई कर रहे थे ।
दोनों ही परिवारों से इस जोड़े के प्यार को कबूला और शादी के लिए राजी हो गए । बारात में माधव अन्ध आश्रम में संगीत सीखने वाले 20 से ज्यादा दृष्टिबाधित शिष्य बाराती बनकर आए । इस आश्रम में सूरज खुद संगीत भी सिखाते हैं । कई नेता मंच पर इस जोड़े को आशीर्वाद देने पहुंचे । शादी समारोह के दौरान आर्केस्ट्रा में भी दृष्टिबाधित युवकों ने अपनी दिलचस्प प्रस्तुतियां दी ।