
UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) में आज से बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। NPCI (National Payments Corporation of India) के सर्कुलर के अनुसार यूपीआई API (Application Programming Interface) जैसे चेकिंग ट्रांजैक्शन स्टेटस और ट्रांजैक्शन रिवर्सल के लिए रिस्पॉन्स टाइम को 30 सेकंड से घटाकर सिर्फ 10 सेकंड कर दिया गया है। इसके अलावा वैलिडेट एड्रेस (पे, कलेक्ट) यूपीआई एपीआई के लिए रिस्पॉन्स टाइम 15 सेकंड से घटाकर 10 सेकंड कर दिया गया है।
बदलाव से रिमिटर बैंकों, बेनिफिशियरी बैंकों के साथ फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को फायदा होगा। क्विक रिस्पॉन्स टाइम के साथ यूपीआई यूजर पहले से बेहतर ट्रांजैक्शन एक्सपीरियंस की उम्मीद कर सकते हैं क्योंकि फेल ट्रांजैक्शन को रिवर्स या पेमेंट स्टेटस को चेक करने का टर्नअराउंड टाइम अब काफी कम हो जाएगा। इसके लिए यूजर्स को पहले 30 सेकंड तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब यह काम केवल 10 सेकंड में होगा।
एनपीसीआई ने सर्कुलर में कहा ‘यूपीआई में किए गए बदलावों का मकसद यूजर्स के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना है। मेंबर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे ताकि रिस्पॉन्सेज को रिवाइज्ड टाइम के अंदर संभाला जा सके। साथ ही अगर मेंबर्स के ऊपर पार्टनर या मर्चेंट की तरफ से कोई निर्भरता/कॉन्फिगरेशन चेंज है, तो उसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए।’
21 मई 2025 के एक सर्कुलर के अनुसार UPI सिस्टम अगस्त से दूसरे बड़े बादलावों को लागू करने के लिए तैयार है। सर्कुलर में कहा गया है कि PSP बैंक और/या अधिग्रहण करने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि यूपीआई को भेजे जाने वाले सभी API रिक्वेस्ट को सही यूसेज के लिए मॉनिटर और मॉडरेट किया जाए। नई गाइडलाइन्स के लागू होने के बाद आपको बैलेंस इंक्वायरी, लिस्ट अकाउंट और ऑटोपे मैंडेट एग्जिक्यूशन में बदलाव देखने को मिलेगा।