छत्तीसगढ़ में ED द्वारा अटैच कोल वॉसरी से अवैध कोयले की निकासी जोरो पर, हैरत में लोग, कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी के जेल से गिरोह चलाने की खबर, आखिर क्यों जेल प्रशासन मौन ?

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रायपुर : छत्तीसगढ़ में अवैध कोल परिवहन घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी के अवैध कारोबार को लेकर नई खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कोरबा में उसकी ED द्वारा अटैच की गई कोल वॉसरी से लगातार कोयले की निकासी हो रही है। सूत्र बता रहे है कि सेन्ट्रल जेल रायपुर से सूर्यकान्त तिवारी गिरोह अपनी कई अवैधानिक गतिविधियों को सुनियोजित रूप से अंजाम दे रहा है। 

सूत्रों का दावा है कि सेन्ट्रल जेल में कई सुख सुविधाओं से लैस होने के बाद इस गिरोह ने एक बार फिर अपनी गतिविधियां तेज कर दी है। इसके तहत कोरबा से वसूली जाने वाली अवैध उगाही की नीव फिर रख दी गई है। इसके साथ ही ED के संज्ञान में ना आने वाली चल – अचल सम्पतियों को ठिकाने लगाया जा रहा है। ED ने सूर्यकान्त तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुशील अग्रवाल, सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई की 152 करोड़ की 75 से ज्यादा संपत्ति अटैच की है। कई सम्पतियो की अभी पड़ताल भी जारी है। इस बीच कोरबा की अवैध रूप से खरीदी गई कोल वॉसरी में चल रहा उत्पादन चर्चा में है। कई लोगो ने अवैध कोल निकासी का वीडियो भी बनाया है। ये लोग अवैध कोल परिवहन पर रोक लगाने के मामलो में पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उँगलियाँ उठा रहे है।      

बताया जाता है कि इसी कड़ी में कोरबा की उस कोल वॉसरी से कोयले की निकासी हो रही है, जो कोल परिवहन घोटाले में नामजद किये गए। सूर्यकान्त तिवारी की बताई जाती है। स्थानीय लोगो के मुताबिक कई दिनों से इस कोल वॉसरी में संदिग्ध गतिविधियां देखी जा रही है। स्थानीय लोग तस्दीक कर रहे है कि इस कोल वॉसरी से रोजाना सैकड़ो टन माल निकाला जा रहा है। उनके मुताबिक कई लोगो ने इसका वीडियो बना कर पुलिस को भी सौंपा था। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। लोगो के मुताबिक ED ने सूर्यकान्त तिवारी की कई बेनामी सम्पति अटैच की है। उनके मुताबिक यह कोल वॉसरी भी अटैच सम्पति में से एक है। स्थानीय लोग बता रहे है कि कोल वॉसरी से धड्ड्ले से माल निकाला जा रहा है। 

उधर प्रशासन का दावा है कि जिले में अवैध कोल परिवहन पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है। लेकिन हकीकत यह है कि जिले के चारो ओर से कोयले का अवैध परिवहन हो रहा है। हाल ही में खनिज और राजस्व की टीम ने पाली इलाके में बुड़बुड़ खदान से चोरी छिपे कोयले की तस्करी करते कई लोगो को पकड़ा था। इस कार्यवाही में कोयले से भरे दो ट्रेलर भी जब्त किये गए थे। इसके पूर्व भी करतला थाना क्षेत्र में छापामार कार्रवाई कर मौके से चोरी के कोयला सहित तीन ट्रेलर और एक जेसीबी को जब्त किया गया था। बताते है कि SECL की कई खदानों से बड़े पैमाने पर अवैध रूप से कोयले का खनन और परिवहन आज भी हो  रहा है। 

सूत्र बताते है कि कुछ चुनिंदा कोयला दलाल अवैध कोयले की खेप खास कोल वॉसरी और अन्य जरुरतमंद उद्योगपतियों के ठिकानो में भेज रहे है। ये कोयला चोरी और तस्करी के कारोबार के पुराने खिलाडी बताये जाते है। यह भी बताया जा रहा है कि सत्ताधारी दल की धौस और पुलिस एवं प्रशासन को जेब में रखने का दावा कर कई कारोबारी कोयला बाजार में उतर आये है। बताते है कि ये वही कारोबारी है जो हालिया छापेमारी में सूर्यकान्त तिवारी समेत उसके गुर्गो के ED के हत्थे चढ़ने के दौरान भूमिगत हो गए थे। इनमे से कुछ से तो ED की पूछताछ अब भी जारी है। सूत्रों का दावा है कि सेन्ट्रल जेल रायपुर से सूर्यकान्त तिवारी अपने गिरोह के सदस्यों के नियमित सम्पर्क में है। 

कोरबा पुलिस महकमे के कई अफसरों और कर्मियों के बीच भी ED द्वारा अटैच की गई, कोल वॉसरी से कोयले की निकासी की चर्चा जोरो पर है। वे भी हैरत में बताये जाते है। उधर न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने रायपुर सेन्ट्रल जेल में बंद ED के आरोपियों की स्थिति को लेकर जेल प्रशासन से  सम्पर्क करने के कई प्रयास किये। लेकिन जेल प्रशासन द्वारा कोई प्रतिउत्तर नहीं दिया गया।

 गौरतलब है कि जेल में आवाजाही करने वाले कई बंदियों और कैदियों के परिजनो के बीच ED की आरोपियों की मौज – मस्ती की सूचनाएं आम है। ये लोग भी जेल प्रशासन से जेल में निरुद्ध सभी बंदियों को एक जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कर रहे है। कई लोगो ने प्रशासन से भी ED के आरोपियों का हालचाल जाहिर करने की अपेक्षा की है। लोगो का मानना है कि जेल प्रशासन को उन खबरों की हकीकत पर अपना रुख साफ़ करना चाहिए जिन खबरों में सरकार के करीबी बंदियों को जेल मेनुअल के खिलाफ सुविधाएँ मुहैया कराये जाने के आरोप लग रहे है।