भारतीय खाने में हींग का इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता हैं जो कि भोजन में महक लाने के साथ ही इसके पाचन के लिए सही रहता हैं. आयुर्वेद में भी Asafoetida को बहुत उपयोगी माना हैं जो सेहत से जुड़ी कई तरह की परेशानियों को दूर कर सकता हैं. लेकिन अगर आप नकली हींग का इस्तेमाल कर रहे हैं तो फायदे की जगह शरीर को नुकसान होगा.
जी हां, आजकल बाजार में कई लोग अपने फायदे के लिए नकली Asafoetida को असली बताकर बेचते हैं. ऐसे में आपके साथ भी धोखा ना हो जाए इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से असली और नकली Asafoetida में अंतर पता किया जा सकता हैं.
हींग की कीमत
सबसे पहले तो असली और नकली हींग की पहचान उसकी कीमत से भी लगाया जा सकता है. असली Asafoetida काफी महंगी होती है, इसे हर कोई नहीं खरीद सकता है. जबकि नकली Asafoetida असली Asafoetida की तुलना में काफी सस्ता होता है.
जलाकर देखें
असली और नकली हींग की पहचान इसे जलाकर की जा सकती है. इसके लिए आप Asafoetida को जलाएं, अगर Asafoetida को जलाने पर लौ चमकदार दिखती है और Asafoetida जल जाता है तो हींग असली है. लेकिन अगर Asafoetida जलता नहीं है तो यह नकली हींग हो सकता है.
हींग का रंग
हींग का रंग भी उसकी पहचान बता सकता है. असली Asafoetida का रंग हल्का भूरा होता है. इसके लिए आप हींग को घी में डालें, अगर घी में Asafoetida डालते ही यह फूल जाता है, इसका रंग हल्का लाल हो जाता है, तो इसका मतलब है आपका Asafoetida असली है. अगर इसके रंग में कोई बदलाव न हो, तो समझ जाए यह Asafoetida नकली है.
पानी में घोलकर देखें
हींग को पानी में डालें. अगर पानी में Asafoetida के घुल जाने पर इसका रंग दूध की तरह बिल्कुल सफेद हो जाता है, तो आपका Asafoetida असली है. अन्यथा आप नकली हींग का सेवन कर रहे हैं.
महक देखें
असली हींग में काफी तेज महक होती है. अगर यह हाथ पर लग जाती है, तो लंबे समय तक इसकी महक बनी रहती है. साबुन से हाथ धोने पर भी असली Asafoetida की महक आती रही है. लेकिन नकली हींग की महक पानी से हाथ धोने पर भी चली जाती है.