ये खौफनाक भविष्‍यवाणी सच हुई तो साल 2025 से मानवता के अंत का होगा आगाज, जानें दुनिया के किस हिस्‍से से होगी शुरुआत….

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दुनिया में कई ऐसे महान भविष्‍यवक्‍ता हुए हैं, जिन्‍होंने दशकों पहले ऐसी भविष्‍यवाणियां कीं, जो आने वाली कई सदियों के लिए हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि अब तक इनमें से कई भविष्‍यवाणियां सच भी साबित हो चुकी हैं. इसलिए जब भी कोई नया साल शुरू होने का समय आता है तो ये भविष्‍यवाणियां चर्चा में आ जाती हैं. अब दुनिया साल 2024 के अंत के मुहाने की ओर जा रही है, ऐसे में साल 2025 की भविष्‍यवाणियां चर्चा में आ गई हैं. जानिए बुल्‍गारिया की महान भविष्‍यवेत्‍ता बाबा वेंगा ने साल 2025 में दुनिया की होने वाली घटनाओं को लेकर ऐसी क्‍या भविष्‍यवाणियां की हैं, जो अभी से नींद उड़ाने के लिए काफी हैं.

खत्‍म होने लगेगी दुनिया
बाबा वेंगा ने कई दशक पहले भविष्यवाणी कर दी थी कि साल 2025 से दुनिया के सर्वनाश की शुरुआत हो जाएगी और धीरे-धीरे मानवता का अंत होने लगेगा. इंसान का अस्तित्‍व धरती से पूरी तरह खत्‍म होने में साल 5079 तक का समय लगेगा.

यूरोप से होगी महाविनाश की शुरुआत
बाबा वेंगा ने कहा था कि साल 2025 में दुनिया के सर्वनाश की शुरुआत हो जाएगी और इस तबाही का आगाज यूरोप में उपजे एक संघर्ष से होगा. बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के मुताबिक, 2025 में ऐसी भयानक घटनाएं होंगी, जो मानवता को अंत की ओर ले जाएंगी. इतना ही नहीं एक अन्‍य भविष्‍यवक्‍ता नास्त्रेदमस ने भी साल 2025 में यूरोप में एक भयावह संघर्ष की भविष्‍यवाणी की है. ऐसे में इन दोनों भविष्‍यवक्‍ताओं की ये बातें सच हुईं तो दुनिया खात्‍मे की ओर बढ़ चलेगी.

एलियन से होगा संपर्क
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी के अनुसार जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीतिक बदलाव आदि के कारण धरती पर रहना असंभव होता जाएगा. इसके चलते साल 2130 में अलौकिक प्राणियों से मानव का संपर्क होगा. फिर मानव को अपने अस्तित्‍व को बचाने के लिए धरती से बाहर शरण लेनी पड़ेगी. इसके बाद आखिरकार साल 5079 में धरती से सबकुछ खत्म हो जाएगा.

बता दें कि 1911 में बुल्‍गारिया में जन्‍मी बाबा वेंगा की अब तक कई भविष्‍यवाणियां सच साबित हो चुकी हैं. इसमें सोवियत संघ के विघटन और अमेरिका में आतंकी संगठन अलकायदा के 9/11 हमले समेत कई भविष्यवाणियां शामिल हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ इसकी पुष्टि नहीं करता है.)