
नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025 – रक्षाबंधन सिर्फ एक त्योहार नहीं, भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है। लेकिन आज की व्यस्त जीवनशैली में कई भाई ऐसे हैं जो पढ़ाई, नौकरी या दूसरे कारणों से घर से दूर रहते हैं। ऐसे में जब बहन डाक या कोरियर से राखी भेजती है, तो एक सवाल उठता है — अब यह राखी किससे बंधवाएं?
यह सवाल जितना सरल लगता है, इसका जवाब उतना ही भावनात्मक और परंपराओं से जुड़ा हुआ है।
जब बहन नहीं आ सकती, तो राखी का संदेश बना रहता है ज़िंदा
रक्षाबंधन की परंपरा सिर्फ राखी बांधने की नहीं, बल्कि रक्षा, प्रेम और वचन की है। जब बहन खुद नहीं आ पाती, लेकिन राखी भेजती है, तो वह अपने प्यार और आशीर्वाद को रेशम के धागे में पिरोकर भाई तक पहुँचाती है।
तो अब राखी कौन बांधे? जानें विकल्प:
1. मां या दादी से बंधवाएं राखी
अगर आप कहीं किराये पर रहते हैं लेकिन घर के पास कोई रिश्तेदार (मां, चाची, दादी, मौसी) हैं, तो उनसे राखी बंधवाना शुभ और पारंपरिक माना जाता है।
2. मकान मालकिन या बुजुर्ग महिला पड़ोसी से राखी बंधवा सकते हैं
रक्षा बंधन का उद्देश्य केवल बहन द्वारा भाई की कलाई पर राखी बांधना नहीं, बल्कि रक्षा और स्नेह का आदान-प्रदान है। यदि आस-पड़ोस में कोई विश्वसनीय और सम्माननीय महिला हैं, तो उनसे राखी बंधवा सकते हैं।
3. स्वयं अपने हाथों में बांध सकते हैं
अगर कोई उपलब्ध नहीं है, तो आप स्वयं भी अपनी कलाई में राखी बांध सकते हैं। यह बहन के प्रेम का सम्मान करने और रक्षाबंधन की परंपरा निभाने का एक तरीका है।
4. वीडियो कॉल पर बहन से राखी बंधवाने का अनुभव लें
आज के डिजिटल युग में कई भाई-बहन वीडियो कॉल पर रक्षाबंधन मनाते हैं। भाई कलाई पर राखी पकड़ते हैं और बहन स्क्रीन के उस पार से मंत्र बोलती है। यह भी एक भावनात्मक और जुड़ाव से भरपूर तरीका है।
धार्मिक मान्यता क्या कहती है?
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, रक्षासूत्र (राखी) कोई भी महिला उस व्यक्ति को बाँध सकती है जिसे वह भाई समान मानती है। यह रिश्तों की सीमाओं से परे एक आध्यात्मिक बंधन है।
टिप: राखी बंधवाने से पहले करें यह छोटा सा पूजा विधान
एक थाली में राखी, रोली, चावल, दीपक और मिठाई रखें।
राखी बांधने से पहले टीका करें, फिर राखी बांधें, और मिठाई खिलाएं।
बहन के दूर होने पर, उसका भेजा हुआ पत्र या संदेश साथ रखें और मन ही मन उसे धन्यवाद कहें।
भावनाएं दूरी नहीं देखतीं
भले ही बहन सैकड़ों किलोमीटर दूर हो, लेकिन उसका प्यार और आशीर्वाद राखी के धागे में बंधकर आपके पास पहुंच ही जाता है। जरूरी नहीं कि हर बार कोई कलाई पर राखी बांधे, जरूरी है उस भाव को समझना और सम्मान देना।
आपका रक्षाबंधन शुभ और सुरक्षित हो।