कुरुक्षेत्र. पहलवानों का आंदोलन अब देशव्यापी आंदोलन बन चुका है. हरियाणा के कुरुक्षेत्र की जाट धर्मशाला में इस आंदोलन को तेज करने के लिए उत्तर भारत की सभी खाप प्रतिनिधियों ने महापंचायत रखी थी. इस महापंचायत में प्रतिनिधियों के अलावा किसान संगठनों के प्रतिनिधि व अन्य सामाजिक संगठनों के लोग भी शामिल हुए. करीब 6 घंटे चली बैठक के बाद खाप प्रतिनिधियों ने कुछ फैसले लिए. बैठक के दौरान खाप प्रतिनिधियों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली. हालांकि, बाद में माहौल को शांत कर इस पंचायत को निर्णय तक पहुंचाया गया.
किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार के पास बातचीत के लिए 9 जून तक का समय है. अगर 9 जून तक सांसद बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, तो खिलाड़ियों को एक बार फिर से दिल्ली जंतर मंतर लेकर जाएंगे. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन को किसान आंदोलन की तरह गांव-गांव तक पहुंचाया जाएगा. हर गांव हर शहर में पंचायतों का दौर शुरू किया जाएगा. पंचायत के दौरान हुई कुछ हाथापाई की घटनाओं पर राकेश टिकैत ने कहा कि यह लोग भारतीय जनता पार्टी द्वारा भेजे गए थे. जो माहौल खराब करना चाहते थे. हम इन्हें पहले ही चिन्हित कर चुके थे. हमें आज यहां से कोई फैसला लेना था और वह हमने आज ले लिया.
पूरे मामले पर लगातार हो रही सियासत
महिला पहलवानों के आरोपों और धरने पर लगातार सियासत हो रही है. खिलाड़ियों और राजनेताओं के बयान आ रहे हैं. धरना दे रहे खिलाड़ी अपने मेडल बहाने के लिए गंगा पहुंच गए थे, लेकिन नरेश टिकैत ने उन्हें रोक लिया. पांच दिन का अल्टीमेटम दिया गया है.