रायपुर / छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए एक ओर सामाजिक संस्थाए और कई लोग समाज सेवा की आहुति डाल रहे है , वही स्वास्थ्य विभाग करीब ढाई करोड़ की कोरोना टेस्ट किट उस कंपनी से खरीद रहा है जिसे ICMR ने रिजेक्ट लिस्टेड कर रखा है | माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से मिलने वाली सरकारी रकम का यह दुरूपयोग ही नहीं बल्कि भ्रष्ट्राचार से जुड़ा मामला है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से घटिया किट सप्लाई रोकने की मांग की गई है |
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण की जांच के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 75 हजार रैपिड किट की खरीदी के लिए जो दोबारा निविदा जारी की थी , उसे एल.2 प्रदायकर्ता एसडी बायोसेंसर के रेट को फाइनल कर दिया गया है | 337 रूपये प्रति किट के उसकी दर को मंजूर कर जल्द ही इसकी सप्लाई करने के निर्देश दिए गए है | वही दूसरी ओर ICMR ने इस कंपनी को रिजेक्ट लिस्टेड कर रखा है | उसकी साइट में उन कंपनियों के नाम है , जो इस तरह की किट तैयार करती है और उसके मानक पर खरी नहीं उतरी |
दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ट्वीट कर दावा कर रहे है कि 75 हजार किट अच्छी क्वालिटी की रूपये 337 + जीएसटी के साथ इसकी आपूर्ति की जा रही है | छत्तीसगढ़ में दवाओं और मेडिकल किट और उपकरण खरीदी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली चर्चा का विषय बनी हुई है |
लोगों को उम्मीद है कि अधिकृत कंपनियों की गुणवत्ता युक्त कोरोना टेस्ट किट से उनकी जांच हो | वर्ना रिजल्ट में आने वाले हेरफेर से कई लोगों की जान जोखिम में नजर आएगी |