Friday, September 20, 2024
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पति – पत्नी और कोरोना, शादी के बंधन में बंधे एक युवक को पत्नी से “सोशल डिस्टेंसिंग” बनाना पड़ गया महंगा, कोर्ट पहुंची पत्नी, पति को देना पड़ गया मर्दानगी का प्रमाण   

भोपाल / कोरोना संक्रमण के चलते तमाम तरह के किस्से सामने आते रहे हैं लेकिन यहां एक ऐसा मामला सामने आया कि जिसने भी सुना दातों तले ऊंगली दबा ली। दरअसल भोपाल में लॉ ट्रिब्यूनल के सामने एक ऐसा मामला पहुंचा जिसमें पति को कोरोना फोबिया की वजह से पत्नी से सोशल डिस्टेंसिंग बनाना महंगा पड़ गया। इस डिस्टेंसिंग की वजह से नई-नवेली पत्नी रूठकर मायके चली गई। उसने 5 महीने बाद प्राधिकरण में भरण-पोषण का आवेदन दिया।   

दरअसल मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान कर दिया है। शादी के बंधन में बंधे एक युवक ने पत्नी से ही ‘सामाजिक दूरी’ बना ली। ऐसे में पत्नी फैमिली कोर्ट पहुंच गई और तलाक की मांग करने लगी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब पत्नी ने अपना शक जाहिर किया। इसके बाद पति को अपनी मर्दानगी का सबूत देना पड़ा,मामले में काउंसलिंग की तो पता चला कि कोरोना के डर से पति ने दाम्पत्य दायित्वों को नहीं निभाया।

इस पर पत्नी ने आरोप लगा दिया कि उसका पति दाम्पत्य संबंध निभाने लायक ही नहीं है। पत्नी को मनाने के लिए पति को मेडिकल टेस्ट कराके पुरुषत्व का प्रमाण देना पड़ा। मामले में समझौता होने के बाद शुक्रवार को महिला पति के साथ ससुराल चली गई। दोनों की शादी 29 जून को हुई थी। प्राधिकरण में महिला ने 2 दिसंबर को आवेदन दिया था। उसने आरोप लगाए थे कि ससुराल वाले उसे परेशान करते हैं। उसकी शादी को 5 महीने ही हुए हैं। 

दरअसल , कोरोना काल के दौरान 29 जून को भोपाल निवासी एक युवक की शादी हुई थी। उस दौरान उसकी ससुराल के कई लोग कोरोना संक्रमित हो गए थे, जिसके चलते उसके मन में कोरोना के प्रति डर बैठ गया और उसने अपनी पत्नी से भी ‘सामाजिक दूरी’ बना ली। यहां तक कि उसने शादी के बाद अपने दांपत्य दायित्वों का निर्वाह तक नहीं किया। इससे पत्नी बुरी तरह भड़क गई और मायके चली गई।  

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जानकारी के मुताबिक, तलाक की अर्जी में महिला ने अपने पति पर नामर्द होने का आरोप लगाया। इसके बाद काउंसिलिंग के दौरान पति से मेडिकल कराने के लिए कहा गया। ऐसे में पति ने अपना मेडिकल टेस्ट कराया और उसका सर्टिफिकेट कोर्ट में जमा करा दिया। इसके बाद पाया गया कि महिला के आरोप गलत हैं। ऐसे में फैमिली कोर्ट ने दोनों को समझाया और महिला को उसके पति के साथ ससुराल भेज दिया। 

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