News Today : गलवान झड़प में पति हुए शहीद… फिर भी नहीं टूटीं रेखा, अब इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट बनकर दुश्मनों से लेंगी लोहा

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नई द‍िल्‍ली: News Today : जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ झड़प में मारे गए 20 बहादुरों में से एक की पत्नी को इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट के रूप में नियुक्त किया जाएगा. सेना एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि महिला का नाम रेखा सिंह है. रेखा सिंह उन 200 कैडेटों में शामिल होंगी, जिनमें 40 महिलाएं शामिल हैं, जो 29 अप्रैल को चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से स्नातक होंगी. पहली बार, अधिकारियों के इस नवीनतम बैच की पांच महिला कैडेटों को आर्टिलरी रेजिमेंट में कमीशन दिए जाने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के मुताबिक, रेखा की शादी बिहार रेजिमेंट की 16वीं बटालियन के नायक दीपक सिंह से हुई थी, जो 15 जून, 2020 को चीनी सैनिकों से लड़ते हुए सुदूर घाटी में शहीद हो गए थे. नवंबर 2021 में उनकी वीरता के लिए उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था. परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद वीर चक्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन सैन्य सम्मान है.

सैन्य पत्नियों की बढ़ती संख्या
वे महिलाएं जिनके पति युद्ध में या ड्यूटी के दौरान मारे गए थे अब जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं और सशस्त्र बलों में अपना करियर बनाने का विकल्प चुन रही हैं. ताकि वे अपने सैनिक पतियों की विरासत को आगे बढ़ाया जा सकें. सेना उन महिलाओं को प्रोत्साहित कर रही है जो अपने दिवंगत पतियों के नक्शेकदम पर चलने के लिए अधिकारी बनने की पात्र हैं. सेना उन्हें एक नई शुरुआत करने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान कर रही है. शहीदों की पत्नियों को सेवा चयन बोर्ड इंटरव्यू के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूएसपीसी) द्वारा आयोजित संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा में शामिल होने से छूट दी गई है. इसके अलावा वे आयु में छूट की भी हकदार हैं.