नील गाय का शिकार, शिकारियों ने दफनाया, विभाग को पता भी नहीं ,सारंगढ़ के गोमर्डा अभ्यारण्य का मामला, लगातार हो रहा शिकार

0
12

रिपोर्टर – उपेंद्र डनसेना

रायगढ़। सारंगढ़ क्षेत्र के गोमर्डा अभ्यारण्य में लगातार वन्यप्राणियों का शिकार हो रहा है। कई दफे ऐसा भी होता है कि शिकारी, शिकार कर निकल जाते हैं और विभाग के बीटगार्ड, डिप्टी रेंजर, रेंजर सहित अधिकारियों को पता भी नहीं चलता। कुछ इसी तरह का मामला आज उस समय सामने आया जब पिछले तीन से चार दिनों के भीतर शिकारियों ने शिकार कर एक नील गाय को किसी वजह से नहीं ले जा पाने की वजह से उसे जंगल में ही दफना कर चलते बने। पर तीन चार दिन बीतने के बाद भी विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं हो सकी। आज मिडिया में सूत्रों ने इस मामले की जानकारी दी। इसके बाद मामले की सूचना विभाग के अधिकारियों को दी गई, तो वे शाम तक मौके तक नहीं पहुंच सके और दोपहर से लेकर शाम तक नीलगाय के दफनाए गए शव को ढूंढते रह गए।

इस संबंध में विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि 06 सितंबर को शिकारियों ने गोमर्डा अभ्यारण के बटऊपाली बीट के कक्ष क्र. 932 पीएफ में नील गाय का शिकार किया, पर किसी वजह से उसे अपने घर तक नहीं ले जा सके। इसके बाद उन्होंने घनी झाडिय़ां देखकर नीलगाय के शव को दफना दिया। बताया जा रहा है कि करंट का तार बिछाकर वन्यप्राणी का शिकार किया गया था। जहां करंट के तार के कारण कई झाडिय़ां भी वहां जली हुई साफ परिलक्षित हो रही है। आज इसकी जानकारी जब वन विभाग के डीएफओ को दी गई तो उन्होंने मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही। पर विडंबना है कि दोपहर में दी गई जानकारी के बाद भी वन्यप्राणी का शव शाम तक विभाग के कर्मचारियों ने नहीं खोज पाया। वहीं यह बताया जा रहा है कि इस क्षेत्र में लंबे समय से शिकारियों का वर्चस्व रहा है और हर हफ्ते शिकार की घटना को अंजाम दे रहे हैं इससे पहले भी कक्ष क्र. 932 में नील गाय का शिकार होने की घटना प्रकाश में आ चुकी है। इसके बाद भी संबंधित बीटगार्ड, डिप्टी रेंजर व रेंजर को इससे कोई भी मतलब नहीं है।

कई मामले पहले भी हो चुके दफन

गोमर्डा अभ्यारण्य में इससे पहले भी कई शिकार का मामला सामने आ चुका है, पर शिकारियों को धरदबोचने के बजाए विभाग कर्मचारी उनके साथ सांठगांठ कर अभ्यारण्य को नष्ट करने में तुले हुए हैं। आज तीन से चार दिन बाद घटना की जानकारी मिडिया सहित विभाग के उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही है, पर संबंधित बीटगार्ड व डिप्टी रेंजर तक को इसकी भनक नहीं लगी। यह बड़ी विडबंना है और ऐसे में विभागीय सूत्रों का साफ कहना है कि सांठगांठ करने के कारण कई मामले को इसी तरह दफना दिया जाता है।

अधिकारी नहीं हैं गंभीर

गोमर्डा अभ्यारण में लगातार वन्य प्राणियों का शिकार हो रहा है पर एक दो मात्र कार्रवाई कर विभाग के अधिकारी अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर रहे हैं। जबकि इस क्षेत्र में लगातार वन्य प्राणियों का शिकार हो रहा है। यही नहीं स्थानीय कर्मचारियों के खौफ में अधिकारी भी उनसे थर थर कांपते हुए उन पर कोई कार्रवाई करने से बच रहे हैं। चूंकि स्थानीय एक आईएफएस रेंक के अधिकारी का वर्चस्व उन्हें प्राप्त है।

क्या कहते हैं डीएफओ

इस संबंध में वन मंडल रायगढ़ के डीएफओ मनोज पांडे का कहना था कि नीलगाय का करंट से शिकार कर उसके शव को दफनाने की सूचना मिली है। जिसकी जांच की जा रही है और मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।