छत्तीसगढ़ में दागी आईएएस – आईपीएस अधिकारीयों के खिलाफ आमरण अनशन, FIR दर्ज कर नियमों के तहत नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने की मांग, दिल्ली जंतर – मंतर में धरना…..  

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दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में आल इंडिया सर्विस के कई अधिकारी गंभीर अपराधों के दायरे में है। खासतौर पर आईपीएस अधिकारियों के गिरोह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई घोटालों और भारत सरकार विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया है। IT, ED समेत कई सरकारी एजेंसियों ने ऐसे दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही भी शुरू की थी। लेकिन अफसरों के ‘बैचमेट’ जांच में रोड़ा अटका रहे है। ED की जांच को भटकाया जा रहा है, ताकि असली गुनहगार बच निकले।

यही नहीं ED के निर्देशों के बावजूद दागी आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ नामजद के बजाय अज्ञात के खिलाफ अपराध दर्ज करने से दागी अफसरों के हौसले बुलंद है। आजाद जनता पार्टी ने आल इंडिया सर्विस के कई दागी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर नियमों के तहत फोर्स फुल रिटायरमेंट देने की मांग की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को ज्ञापन सौपने से पूर्व पार्टी ने बूढ़ा तालाब स्थित स्वामी विवेकानंद की विशाल कांस्य प्रतिमा को ज्ञापन सौंपा है। इसमें प्रदेश के राजनैतिक और प्रशासनिक वातावरण को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई है। 

आजाद जनता पार्टी के बैनर तले रायपुर के बूढ़ा तालाब धरना स्थल में 7 जून को आजाद जनता पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी। पार्टी अध्यक्ष उज्जवल दीवान इसी दिन से अनशन में बैठेंगे, जबकि दिल्ली के जंतर – मंतर में इसी महीने के आखिरी हफ्ते में धरना दिया जायेगा। उज्जवल दीवान ने न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने चर्चा करते हुए कहा कि देश में सर्वाधिक भ्रष्ट अफसरों का जमावड़ा छत्तीसगढ़ में लग गया है। उनकी साफ – सफाई की जरुरत इसलिए है क्योंकि गरीब जनता की तिजोरी पर दिन दहाड़े डाका डाला जा रहा है। भूपे राज में अवैध कमाई के लिए दागी अफसरों ने आम नागरिकों के मौलिक अधिकार तक सीज कर दिए थे।

इस दौरान प्रेस मीडिया का गला भी घोटा गया था, ताकि कांग्रेस सरकार और उसके समर्थक नौकरशाहों की काली करतुते जग – जाहिर ना हो सके। दीवान के मुताबिक  कई पत्रकारों, कारोबारियों और विरोधियों के खिलाफ फर्जी सबूतों के आधार पर जोर जबरदस्ती FIR दर्ज कराई गई थी। अवैध वसूली और घोटाले को दबाने के लिए कई दागी आईपीएस अधिकारियों ने अपने पद और प्रभाव का बेजा इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस के कार्यकर्त्ता के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान की थी।

अब बीजेपी शासन में भी ऐसे अधिकारियों की तूती बोल रही है, वे यहाँ भी सेंधमारी करने में कामयाब रहे है। ना केवल वे IT, ED जैसी एजेंसियों की कार्यवाही बाधित कर रहे है, बल्कि राज्य की एजेंसियों द्वारा घोटालों की जारी जांच को भी प्रभावित कर रहे है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की गिरफ़्तारी की मांग की है। इसमें कहा गया है कि दागी आईपीएस अफसरों ने अवैध कमाई के लिए अपने कर्तव्यों से समझौता और आल इंडिया सर्विस रूल्स का उल्लंघन किया है। 

आजाद जनता पार्टी ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में ही अनशन के लिए अनुमति देने की मांग की है। उनके मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समर्थक कई अधिकारीयों  ने बूढ़ा तालाब के बजाय नई राजधानी स्थित तुता धरना स्थल में जाने के लिए दबाव बनाया हुआ है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम सौंपे गए ज्ञापन में भ्रष्ट नौकरशाही की कार्यप्रणाली की सीबीआई जांच की मांग भी की गई है। उन्होंने आम नागरिकों और सामाजिक संगठनों से धरने में शामिल होकर अपना समर्थन देने की गुहार भी लगाई है।