रिपोर्टर – रफीक खांन
सुकमा / पड़ोसी राज्यों से पहूंचे अन्य संभागों के लगभग 130 प्रवासी मजदूरों की रवानगी कोंटा बार्डर में बने आइसोलेशन सेंटरों से जिला प्रशासन ने की है । बता दे कि बीते कुछ दिनों से शासन के निर्देशों के बाद से लाॅक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों का सुकमा जिला के कोंटा बार्डर पर लगातार पहूंचना हो रहा था । केन्द्र की कोरोना वायरस गाइड लाइन राज्य जिले ग्राम पंचायत में पृथक पृथक आइसोलेशन सेंटर बनाए जाने व अन्य राज्यों में रोजगार के लिए प्रवासी मजदूरों की वापसी कराते हूए आइसोलेशन सेंटरों में क्वारेंटाइन में लेने की निर्देश बाद यह कवायद तेज हो गई है ।
इस को लेकर राज्य व जिला प्रशासन काम करना शुरू कर दिया है । ज्ञात हो कि कोविड 19 से निपटने के लिए इस समय संपूर्ण भारत में लाॅक डाउन सोसल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है । और जिस राज्यों के लोगों को उस राज्यों से जिलों में भेजा जा रहा है आंध्रप्रदेश तेलंगाना से इसके तहत छूट मिलने के बाद से बितें तीन चार दिनों से सैकड़ों के तादात में मजदूर रोज यहाँ पहूंच रहे हैं। सुकमा जिला के ग्रामीण मजदूरों को छोड़ अन्य जिलों के मजदूरों को कोंटा एसडीएम हिमांचल साहू तहसीलदार पी एल नाग ने मुगेंली बिलासपुर चांपा कवर्धा धमतरी के प्रवासी मजदूरों को लिस्टेड कर के भेजा गया है।
दुसरी ओर कोंटा बार्डर में घर पहूंचने की ललक ने सारे नियम कानूनों को ताक पर रखते हुए पूर्व की भांति सामान्य ग्रामीण मजदूरों की आवाजाही जैसी माहौल फिर से एक बार देखने को मिल रही है । यहां ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों की बड़ी संख्या में आंध्रप्रदेश तेलंगाना से मिर्ची तोड़ कर वापसी हो रही है। जिससे सोसल डिस्टेंस पुरी तरह बिगड़ गई है वहीं धारा 144 को भी नजरअंदाज करते हुए भारी भीड़ देखने को मिल रहा है।
यहां से ग्रामीण मजदूर किसी तरह निकल लेने की होड़ में लगे हुए देखे गये। वहीं बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सीमा में बैठे दिखे बार्डर से अपने व्यवस्था से जाने वाले मजदूरों में दंतेवाड़ा जिले के 165 सुकमा के 23 बस्तर के 8 मजदूरों के जाने की जानकारी तहसीलदार द्वारा दी गई। यह सभी मजदूरों को अपने अपने ग्राम पंचायतों में पहूंचने के बाद उन्हें पृथक पृथक बने क्वारेंटाइन में लिया जायेगा ।