कोरोना संकट में इंसानियत भी तार-तार, मौत के बाद भी सुरक्षित नहीं कोरोना संक्रमित मरीज, अस्पताल से मोबाइल-पर्स हुए गायब

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इंदौर वेब डेस्क / कोरोना महामारी के दौर में इंसानियत भी तार-तार हो रही है | मध्यप्रदेश के एक अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव की मौत के बाद उसकी जेब ही काट ली गई | जेब से पर्स और मोबाइल गायब कर दिए गए | एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित हो रहे एमटीएच अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है | यहां भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसकी जेब तक कट गई | मृतक के पर्स, मोबाइल फोन गायब कर दिए और परिजन को शव सौंप दिया | 

प्रतीकात्मक तस्वीर

एक महीने से मृतक की पत्नी दर-दर भटक रही है, लेकिन प्रबंधन कुछ बता नहीं रहे है | महिला जब भी जाती है उसे भगा दिया जाता है | इंदौर के एमटीएच अस्पताल में 2 मई को 36 साल के हरीश गौड़ को भर्ती किया गया था | 5 मई को रात ढाई बजे उनकी मौत हो गई | हरीश के साले मनीष गौड़ ने बताया कि मौत से एक घंटे पहले हरीश ने अपनी पत्नी से बात की थी | तब मोबाइल उनके पास ही था | मनीष ने बताया कि उसी दिन सुबह हमारे पास फोन आया कि हरीश की मौत हो गई है | मनीष के मुताबिक शव लेने पहुंचे तो उनकी जेब से पर्स और मोबाइल गायब थे | कपड़ों का बैग भी नहीं था |

हरीश के परिजन वहां मौजूद स्टाफ से इस संबंध में कहा तो बोले कि अभी शव ले जाओ, बाद में आकर सामान ले जाना पर सामान बाद में भी नहीं मिला | मनीष ने बताया कि हरीश की पत्नी और मनीष कई बार अस्पताल के चक्कर लगा चुके हैं | ना ही मोबाइल मिला, ना पर्स | अस्पताल प्रबंधन उसकी किसी तरह की मदद नहीं कर रहा है | पर्स में हरीश गौड़ का आधार कार्ड, एटीएम कार्ड और बाकी जरूरी सामान था |

मनीष का कहना है कि हरीश गौड़ के लेन-देन का हिसाब भी मोबाइल फोन में था | उनके दो छोटे बच्चे हैं | बहन का रो-रो कर बुरा हाल है | आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है | मनीष ने अब इस मामले में पुलिस से शिकायत की है ताकि ये पता चल सके कि मोबाइल फोन किसने लिया है |