नई दिल्ली / केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है। नई शिक्षा नीति की औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावड़ेकर और डॉ रमेश पोखरियाल निंशक ने संयुक्त रूप से की। घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।
हायर एजुकेशन में ये सुधार
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत तक एनरोलमेंट का लक्ष्य निर्धारित, फिलहाल लगभग 15 प्रतिशत ही विद्यार्थी हायर एजुकेशन तक पहुंच पाते हैं।उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा।
- पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा। अब कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा। हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा।
- सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा मिलेगा।
- शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा, पिछड़े वर्गों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा से जोड़ना लक्ष्य
- दिव्यांग फ्रेंडली एजुकेशन सॉफ्टवेयर तैयार होंगे
- क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कंटेंट तैयार किए जाएंगे
- स्कूल, अध्यापक और छात्रों को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा
नया शैक्षणिक सत्र सितंबर–अक्टूबर से शुरू
इस वर्ष कोरोना (कोविड-19) महामारी के चलते उच्च शिक्षा में नया शैक्षणिक सत्र सितंबर-अक्टूबर से शुरू हो रहा है. सरकार नई शिक्षा नीति को नए सत्र के शुरू होने से पहले लाना चाहती है |
नई शिक्षा नीति पर पिछले पांच सालों से काम
नई शिक्षा नीति पर पिछले लगभग पांच सालों से काम चल रहा था. इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई वाली एक उच्चस्तरीय कमेटी ने इसे अंतिम रूप दिया | नई शिक्षा नीति में गैर हिंदी भाषी राज्यों में हिंदी अनिवार्य किए जाने का उल्लेख नहीं है |
शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाना
केंद्र सरकार का मकसद देश की शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाना है. इसमें शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर बनाने, बहु भाषायी अध्ययन, 21वीं शताब्दी की स्किल, खेल, कला, पर्यावरण आदि मुद्दों पर फोकस किया जायेगा. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कुछ दिनों पहले कहा था कि नई शिक्षा नीति विज्ञान, प्रौद्योगिकी और भारत केंद्रित अवधारणा पर आधारित है | यह भारत की सांस्कृतिक विरासत पर आधारित होगी और इसका मुख्य मकसद एक नए भारत का निर्माण होगा- स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त और श्रेष्ठ भारत | इसमें छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, जन प्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों, ग्राम पंचायतों सहित समाज के विभिन्न वर्गो से परामर्श किया गया है |
हायर एजुकेशन को बढ़ावा
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है कि हमारी जो नई शिक्षा नीति आ रही है, वह काफी कुछ इन बातों का समाधान करेगी | शिक्षा नीति में सरकार ने हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके साथ ही युवाओं को हायर एजुकेशन लेना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जायेगा |