
पीएम मोदी का सवाल: “जेल से सरकार चलाना कितना उचित?”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि जनता को तय करना होगा कि जेल से सरकार चलाना सही है या नहीं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर कोई छोटा सरकारी कर्मचारी 50 घंटे से अधिक जेल में रहता है, तो उसे स्वतः निलंबित कर दिया जाता है। लेकिन जब बात मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री की आती है, तो वे जेल से भी सत्ता का आनंद लेते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि यह स्थिति बेहद असंगत है। हाल ही में देश ने देखा कि एक मुख्यमंत्री जेल से ही आदेश जारी कर रहा था और सरकार चला रहा था। इस पर उन्होंने जनता से पूछा—“क्या यह सही है कि छोटे कर्मचारियों पर सख्त नियम हों, लेकिन शीर्ष पदों पर बैठे लोग जेल से सत्ता चलाते रहें?”
अन्य बड़ी कार्रवाई भी हुई
इसी दौरान जम्मू-कश्मीर से भी बड़ी खबर आई, जहां आतंकवाद से जुड़े लिंक सामने आने पर दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस पर तुरंत एक्शन लिया। वहीं संसद की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठे, जब एक शख्स दीवार फांदकर गरुड़ द्वार तक पहुंच गया।
जनता के लिए संदेश
पीएम मोदी का कहना है कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए। यदि छोटे कर्मचारी पर नियम लागू होते हैं, तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री पर भी वही नियम लागू होने चाहिए। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और तय करें कि जेल से सरकार चलाना कितना उचित है।