जलगांव वेब डेस्क / कोरोना संक्रमण से कई सरकारी अस्पतालों का बुरा हाल है | यहाँ पीड़ित मरीज और मेडिकल स्टाफ एक दूसरे से तंग आ गया है | अव्यवस्था का आलम यह है कि मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं | मामला महाराष्ट्र के जलगांव में कोरोना पीड़िता 82 साल की एक बुजुर्ग महिला से जुड़ा है | यह महिला जलगांव जिला नागरिक अस्पताल से पिछले 8 दिनों से गायब बताई जा रही थी | बुधवार को उसका शव अस्पताल के एक टॉयलेट में मिला | इस टॉयलेट के अंदर यह बुजुर्ग महिला कब गई किसी को नहीं पता | यही नहीं महिला के लापता होने की शिकायत मेडिकल स्टाफ ने की | लेकिन किसी ने भी टॉयलेट की ओर झांक कर भी नहीं देखा |
आमतौर पर माना जाता है कि संक्रमण के मद्देनज़र अस्पतालों में टॉयलेट रोजाना साफ होते होंगे | लेकिन हकीकत लोगों के सामने है | लोगों ने बताया कि यह मामला तब सामने आया जब अस्पताल में भर्ती कुछ अन्य मरीजों ने टॉयलेट से निकलने वाली तेज दुर्गंध की शिकायत की | इस टॉयलेट को जब खोला गया तो भीतर एक शव पड़ा हुआ दिखाई दिया | मामले की सूचना पुलिस को दी गई |
शिनाख्ती के दौरान पता पड़ा कि पिछले 8 दिनों से जिस बुजुर्ग महिला को अस्पताल लापता बता रहा है, यह शव उसी का है | अधिकारियों ने बताया कि बुजुर्ग महिला जलगांव जिले के भुसावल शहर की रहने वाली थी, जहां उन्हें शुरू में रेलवे द्वारा संचालित स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें 1 जून को जलगांव के सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया गया और अगले दिन उसकी रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव निकलीं थी |
जलगांव के जिला कलेक्टर अविनाश धाकने ने भी बुजुर्ग महिला की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि यह सच है कि उनका शव सिविल अस्पताल के टॉयलेट में पड़ा हुआ था | दरवाजा अंदर से बंद था | उन्हें मुताबिक जलगांव के पेठ पुलिस स्टेशन मामले की तफ्तीश कर रहा है |
ये भी पढ़े : अब देश के कई राज्यों में कोरोना टेस्ट को लेकर प्राइवेट लैब का बड़ा फर्जीवाड़ा, निगेटिव रिपोर्ट को बता रहे पॉजिटिव, आधा दर्जन लैब के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश, एक पर मामला दर्ज, संदेही मरीजों को सतर्क होना जरुरी, पढ़े लैब के नाम -आपके इलाके में भी तो नहीं
बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री गिरीश महाजन ने इस घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि यह घटना अस्पताल की खराब स्थिति और अस्पताल के कर्मचारियों के लापरवाह रवैये को दर्शाती है | उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले हुई बैठकों में जलगांव सिविल अस्पताल के खराब प्रबंधन का मुद्दा उठाया था, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया |