अस्पतालों के चक्कर लगाती रही गर्भवती, नहीं किया एडमिट, एंबुलेंस में मौत, कोरोना मरीजों से लबालब होने का हवाला देकर अस्पतालों ने पीड़ित महिला को भर्ती करने से किया इंकार

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नोएडा वेब डेस्क / देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने का असर यह हुआ है कि आम बिमारियों से ग्रसित मरीज हो या फिर गर्भवती महिलाये , हर किसी को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है |ज्यादातर अस्पतालों ने कोरोना मरीजों का हवाला देकर  ऐसे मरीजों के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए है | इसके चलते उत्तर प्रदेश के नोएडा में 8 महीने की एक गर्भवती महिला की समय से इलाज न मिल पाने की वजह से मौत हो गई | बताया जाता है कि महिला के परिजन उसे लेकर कई अस्पतालों में पहुंचे लेकिन अस्पतालों ने एडमिट करने से मना कर दिया |

आखिर कर गर्भवती महिला ने इलाज के अभाव में एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया | कई घंटों तक गर्भवती महिला को एंबुलेंस एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर दौड़ती रही  लेकिन नोएडा के कई बड़े सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों ने महिला को एडमिट करने से इनकार कर दिया | वे एक दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए मरीज को सलाह देते रहे |नतीजतन समय पर इलाज नहीं मिलने से महिला की गर्भ में पल रहे बच्चे समेत मौत हो गई |एक साथ दो मौतों से पीड़ित परिवार का बुरा हाल है | इस घटना पर अस्पतालों के रुख से लोग निराश है |

लोग कहने लगे है कि  ‘नोएडा में गर्भवती महिला दर-दर भटकती रही और अस्पताल में जगह नहीं मिली |पूरा का पूरा स्वास्थ्य सिस्टम ध्वस्त है |इस महिला के मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा | सरकार की जिम्मेदारी तय करें और नोएडा प्रशासन पर कार्रवाई करें? लोगो के मुताबिक सिर्फ दिखावे और कागजी की कार्रवाई हो रही है |आम मरीजों का हाल बेहाल है और सरकार बड़ी-बड़ी बातें कर रही हैं | लोगो ने अस्पताल और सरकार से कहा है कि वे अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते | बताया जाता है कि पीड़ित गर्भवती महिला और उसके परिजन गौतम बुद्ध नगर के 8 अस्पतालों में गए थे | लेकिन उन्हें कही भी भर्ती नहीं किया गया  यह साफ दर्शाता है कि कोरोना के चलते किस तरीके से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है |

बताया जाता है कि गाजियाबाद की रहने वाली इस महिला को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी | पीड़ित महिला का रुटीन इलाज नोएडा के शिवालिक अस्पताल में चल रहा था |महिला को कोरोना के डर के चलते इस अस्पताल ने उसका इलाज करने से मना कर दिया | उसे पहले ईएसआई अस्पताल ले गए | इस अस्पताल ने उन्हें जिला अस्पताल में रेफर किया | फिर जिला अस्पताल ने शारदा हॉस्पिटल भेजा | यहाँ से उसे जीम्स भेजा गया, जिम्स ने बेड खाली न होने का हवाला देकर गर्भवती महिला को फोर्टिस अस्पताल भेजा | यहां भी उसे भर्ती करने से मना कर दिया गया | इसके बाद महिला को मैक्स अस्पताल ले जाया गया| यहाँ तक पहुंचने में देर हो जाने की वजह से महिला की एंबुलेंस में ही मौत हो गई |

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