रायपुर / छत्तीसगढ़ में शराब की दुकाने खुलते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है | बीजेपी समेत तमाम दल कांग्रेस पर सीधा हमला कर रहे है | वो उसे डेढ़ साल पुराने उस दौर को याद दिला रहे है जब सत्ता में आने से पहले कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं ने हाथों में गंगाजल लेकर राज्य में पूर्ण शराबबंदी की कसम खाई थी | लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार की मुख्य कमाई का जरिया शराब से होने वाली आमदनी बन गया | अब कांग्रेस सरकार शराबबंदी की ओर बढ़ना तो दूर घर घर शराब मुहैया कराने के लिए होम डिलीवरी सिस्टम ले आई है | कारण जो भी हो लेकिन होम डिलीवरी का फैसला सिर्फ नेताओं ही नहीं बल्कि जनता के गले नहीं उतर रहा है | नतीजतन मख्यमंत्री भूपेश बघेल विपक्ष के निशाने पर है | बीजेपी नेताओं के बाद जनता कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है | पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इसे सरकार का आत्मघाती कदम करार दिया है |
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे)के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भूपेश सरकार के शराब दुकान फिर खोलने एवं होम डिलीवरी की नई व्यवस्था शुरू करने की कड़ी निन्दा की है।
जोगी ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि 44 दिनों तक राज्य में शराब दुकानें बंद होने के कारण घरेलु हिंसा में भारी कमी आई और शांति का वातावरण निर्मित हुआ है। ऐसे में लॉकडाउन के बाद भी शराब दुकानें बंद रखते हुए राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का भूपेश सरकार को स्वर्णिम अवसर मिला था, लेकिन इसकी वजह से होने वाली अनधिकृत कमाई के चलते फिर शराब दुकाने खोल दी गई।
उन्होने आरोप लगाया कि सोशल डिस्टेसिंग के बहाने शराब की प्रति-व्यक्ति दैनिक खपत दो से बढ़ाकर पांच लीटर और शराब की होम डिलीवरी सेवा प्रारम्भ करके भूपेश सरकार ने पूर्ववर्ती रमन सरकार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं।
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उन्होने विपक्ष में रहते बघेल के 5 अप्रैल 17 को किए ट्वीट का स्क्रीन शॉट भी जारी करते हुए उन पर निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी शराब दुकान पुन: खोलने के फ़ैसले के विरोध और पूर्ण शराबबंदी की मांग को लेकर प्रदेशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाएगी।