रायपुर / छत्तीसगढ़ में अकबर-बीरबल की खिचड़ी से भ्रष्ट्राचार की अच्छी फसल लहलहायेगी | उन लोगों को तश्तरी में रखकर सरकारी जमीन पेश की जा रही है , जो शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना की असलियत को लेकर अपने आँख , कान और नाक बंद रखेंगे | इसके लिए कई मीडिया कर्मियों से लेकर नेतागिरी में जुटे लोगों को उपकृत करने का खेल जोरों पर है | एक ओर जहां मीडिया कर्मियों को नगद नारायण के दर्शन कराये जा रहे है , वही लाभांवित होने वालों में नेताओं के करीबी नाते-रिश्तेदार भी शामिल है | जानकार बता रहे है कि सरकारी जमीनों की बंदरबांट की लिस्ट तैयार हो चुकी है | अब उसे अमल में लाया जा रहा है | उसका श्रीगणेश छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमेन कुलदीप जुनेजा के हस्ते हुआ है | पहले ही झटके में कुलदीप जुनेजा के सगे भाई हरजीत जुनेजा के स्वामित्व वाले ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड रायपुर ‘ को मात्र छह हजार रूपये में 6 हजार स्क्वायर फीट सरकारी जमीन आवंटित की गई है |
इस एसोसिएशन के सचिव पद पर हरजीत जुनेजा काबिज है | संस्था की ओर से जारी प्रेस नोट में जमीन आवंटन को लेकर हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमेन कुलदीप जुनेजा को धन्यावद दिया गया है | इस पत्र में जो पदाधिकरियों के नाम दर्ज है , उसमे सचिव पद पर हरजीत जुनेजा का नाम भी शामिल है | इससे साफ़ होता है कि छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमेन कुलदीप जुनेजा ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपने ही भाई की संस्था को उपकृत-लाभान्वित किया है | |
दिलचस्प बात यह है कि छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड के पूर्व कमिश्नर भीम सिंह ने इस तरह से हाऊसिंग बोर्ड की जमीनों के बंदरबांट पर रोक लगाई हुई थी | उन्होंने बकयादा सरकारी परिपत्र का हवाला देते हुए चेयरमेन कुलदीप जुनेजा के सगे भाई हरजीत जुनेजा की इस संस्था को जमीन आवंटित करने से इंकार कर दिया था | उनके निरस्तीकरण का हवाला वाला यह आदेश इस समाचार के साथ संग्लन है | बताया जाता है कि अकबर-बीरबल ने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए हरजीत जुनेजा की संस्था ‘नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड रायपुर ‘ को यह जमीन आवंटित करने पर अपनी मुहर लगा दी | विभागीय मंत्री और चेयरमेन कुलदीप जुनेजा सरकारी जमीन की बंदरबांट को लेकर सवालों के घेरे में है |
जानकार बताते है कि छत्तीसगढ़ हाऊसिंग बोर्ड को इस तरह से जमीन आवंटन के कोई अधिकार प्रदत्त नहीं है | राजस्व सहिता के अनुसार सरकारी जमीनों का आवंटन जिला कलेक्टर की सिफारिश पर राज्य शासन एक तय प्रक्रिया पूरी कर जमीन आवंटित करता है | ऐसे में गैर क़ानूनी रूप से आवंटित की गई हाऊसिंग बोर्ड की जमीन के आवंटन का मामला अकबर-बीरबल के गले की फांस भी बन सकता है | बहरहाल यह देखना गौरतलब होगा कि शांति नगर रिडेवलपमेंट योजना के तहत तैयार की जा रही भ्रष्ट्राचार की फसल काटकर और कितने लोग लाभांवित होंगे |