इंदौर वेब डेस्क / आज विद्यार्थियों के जीवन में हिंदी का क्या स्थान है,इस पर चिंतन की आवश्यकता है। हिंदी भाषा का ज्ञान होना एक भारतीय की ताकत है। आज किसी व्यक्ति को जितनी अधिक भाषाओं का ज्ञान होता है,वह उतना अधिक महत्वपूर्ण व धनवान होता है | आर्थिक व शैक्षिक दोनों स्थितियों में, आज तकनीकी ने हमारे एकांत को भी कोलाहल से भर दिया है,जिसके लिए हमें आत्म मंथन करने की आवश्यकता है। यह विचार पूर्व कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी ने पत्रकारिता जनसंचार अध्ययनशाला (देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर) में विद्यार्थियों और कलमकारों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए |
हिंदीभाषा डॉट कॉम(वेब पोर्टल) के साथ मिलकर हिंदी भाषा के उत्थान में सहयोगी कलमकारों के अखिल भारतीय सम्मान समारोह का विगत दिनों आयोजन किया गया था | इस कार्यकर्म में मुख्य अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि भोपाल के पूर्व कुलसचिव प्रो. द्विवेदी ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराइ ।
विशिष्ट अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इन्दौर की कुलपति प्रो.डॉ. रेणु जैन की अनुपस्थिति में प्रभारी कुलपति डॉ. आशुतोष मिश्रा ने समारोह की शोभा बढ़ाई।
हिंदीभाषा डॉट कॉम द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रारंभ में पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.सोनाली नरगुंदे ने अतिथि डॉ. मिश्रा और प्रो. द्विवेदी का पौधे से अभिनन्दन किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व कुलसचिव प्रो. द्विवेदी ने कहा कि,आज भारत सबसे अधिक नौजवानों वाला देश है,लेकिन इन नौजवानों का लाभ किसी भी दशा में देश को नहीं हो रहा है। आज का युवा दिन पर दिन भाषायी रूप से कमजोर होता दिखाई दे रहा है। हम देखें तो कई विदेशियों ने हिंदी को सीखा व अपनाया है,जिसमें अभिनेत्री कैटरीना कैफ व राजनेत्री सोनिया गांधी जैसे बड़े नाम मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी भारत यात्रा के दौरान अपने टिविटर अकाउंट से हिंदी भाषा में ट्वीट किए, लेकिन वहीं हम भारतीय युवाओं की बात करें तो वह अपने उदबोधन में एक से दो वाक्यों के बाद अंग्रेजी शब्द ‘लाइक’ का उपयोग करने लगता है। सच तो यह है कि वह यदि अपनी मातृभाषा हिंदी को लाइक करते तो उन्हें अंग्रेजी भाषा में लाइक-लाइक करने की जरूरत नहीं पड़ती।
प्रभारी कुलपति डॉ. मिश्रा ने हिंदी के उत्थान में हिंदीभाषा डॉट कॉम के सराहनीय योगदान हेतु शुभकामनाएं दी। हिंदी की प्रासंगिकता को नागार्जुन की कविता में पिरोते हुए उन्होंने श्रोताओं को हिंदी की सुंदरता से परिचित कराया और विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग की उपयोगिता पर भी आपने प्रकाश डाला।
इस मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ. नरगुंदे ने बताया कि पत्रकारिता विभाग व हिंदीभाषा डॉट कॉम के संयुक्त राष्ट्रभाषा हिंदी उत्थान मिशन को कई लेखक व रचनाकारों ने अपने लिखने से समृद्ध किया है,जो सराहनीय है। साथ ही आपने विद्यार्थियों व कलमकारों से पोर्टल पर अपनी रचनाएं भेजने का आहान किया, ताकि हम हिंदी को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को पूरा कर सकें। उन्होंने बताया कि हिंदी विश्व की सशक्त भाषाओं में अपना स्थान रखती है,और यह भाषा संवेदना से जुड़ी है।
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समारोह में हिंदीभाषा डॉट कॉम के संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने हिंदीभाषा डॉट कॉम की अनवरत यात्रा,42 लाख दर्शकों के स्नेह,पोस्ट कार्ड अभियान, विद्यालयों एवं मंच पर स्पर्धा की जानकारी सबके साथ साझा की। उन्होंने अपनी लेखनी से हिंदी को सशक्त कर रहे कलमकारों को शुभकामनाएं दी व आभार व्यक्त किए ।
कार्यक्रम में विभाग व हिंदीभाषा डॉट कॉम ने अतिथिद्वय द्वारा इदरीस खत्री (फिल्म अभिनेता और समीक्षक) और मनोरमा जोशी को शील्ड,सम्मान-पत्र एवं अंग वस्त्र से सम्मानित किया | इस मौके पर वरिष्ठ सम्पादक मुकेश तिवारी, लक्ष्मीकांत पंडित सहित प्रो. एल.के. शिंदे,नमिता दुबे,डॉ. पूर्णिमा मंडलोई एवं डॉ. नीलमेघ चतुर्वेदी ने भी उपास्थित होकर सभी की हौंसला अफजाई की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराधा शर्मा ने किया। डॉ. नरगुंदे ने उपस्थित सभी अतिथियों व कलमकारों के प्रति आभार व्यक्त किया ।