दिल्ली वेब डेस्क / हिमाचल प्रदेश में बंदरो को मारने के लिए एक अधिसूचना को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी और उसकी सांसद मेनका गाँधी पर सीधा हमला किया है | पार्टी प्रवक्ता रणदीव सुरजेवाला ने पूछा है कि अब कहां गुम हैं मेनका गांधी ? दरअसल केरल में बीते दिनों एक गर्भवती हथिनी की दर्दनाक तरीके से हुई मौत को लेकर बीजेपी ने राहुल गाँधी और केरल सरकार पर करारा हमला बोला था | इसके बाद देश भर में इसे लेकर लोगों में गुस्से का माहौल दिखाई दिया |
ये भी पढ़े : छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई से नहीं खुलेंगे स्कूल, शिक्षा मंत्री ने कहा- तैयारी में फिलहाल वक्त लगेगा
इस दौरान सांसद मेनका गांधी ने भी केरल सरकार और राहुल गांधी पर तीखा हमला किया था | बीते दिनों हथिनी की दर्दनाक मौत को मेनका गांधी ने हत्या बताया था | उन्होंने केरल को देश का सबसे हिंसक राज्य कहा था | उन्होंने कहा था कि यहां लोग सड़कों पर जहर फेंक देते हैं, जिससे 300 से 400 पक्षी और कुत्ते एक साथ मर जाएं | मेनका गांधी ने कहा था कि केरल में हर तीसरे दिन एक हाथी को मार दिया जाता है |
मेनका गांधी के इस बयान पर कई लोगों ने आपत्ति भी जताई थी | हथिनी की मौत पर मेनका गांधी ने कई बयान दिए थे | हालांकि, इस बयान को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया | मामले के तूल पकड़ने के बाद केंद्र सरकार ने गर्भवती हथिनी की मौत मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए केरल सरकार से रिपोर्ट भी मांगी है |
अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि हिमाचल प्रदेश की कई तहसीलों में बंदरों को मारने को मंजूरी देने वाली एक अधिसूचना सुर्खियों में है | इसे लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र सरकार और बीजेपी सांसद मेनका गांधी पर पलटवार किया है |
उन्होंने बंदरों को मारे जाने के लिए केंद्र की ओर से दी गई मंजूरी और जारी अधिसूचना को लेकर ट्वीट किया है | सुरजेवाला ने ट्वीट में कहा कि “भाजपा के मुताबिक शायद ‘हनुमान जी’ के प्रतीक बंदरों को मारने का सरकारी लाइसेंस देना ”पशुओं के प्रति क्रूरता” में नही आता. सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक स्क्रीन शॉट डालते हुए ट्वीट किया, अब श्रीमती मेनका गांधी कहां गुम हैं?
ये भी पढ़े : रायपुर में कोरोना का संक्रमण जोरो पर, एक दिन में रिकॉर्ड 36 नये संक्रमित मिले, रायपुर के कन्टेनमेंट जोन की सूची ,देखे
दरअसल हिमाचल प्रदेश ने केंद्र सरकार की मंजूरी संबंधी एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत प्रदेश की 91 तहसीलों में रीसस मकाक प्रजाति के बंदरों को मारा जाएगा | अधिसूचना के मुताबिक, इन बंदरों को केवल निजी भूमि में नुकसान करने पर ही मारा जाएगा |