शिमला वेब डेस्क / हिमाचल के इतिहास में पहली बार इस साल टूरिज्म सीजन शून्य हो गया है। प्रदेश में करीब छह हजार होटल, होम स्टे और रेस्टोरेंट एक माह से बंद हैं। कब खुलेंगे तय नहीं है | यही हाल टूरिस्ट बसों का है | यही नहीं पर्यटन कारोबार पर निर्भर लाखों लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे है | हज़ारों कारोबारियों को करोड़ों की चपत लगी है।
पिछले साल हिमाचल में 2019 में मार्च से मई तक करीब 50 लाख देसी और विदेशी सैलानी आए थे । वर्ष 2019 में प्रदेश में आने वाले सैलानियों की संख्या 1.72 करोड़ रही थी। यह संख्या साल 2018 के मुकाबले 4.63 फीसदी अधिक रही। बीते साल सरकार ने प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं शुरू कीं।
पर्यटन नीति भी नई बनाई है। इन योजनाओं का इस साल असर दिखना था, लेकिन कोरोना के चलते सभी योजनाएं धरी रह गई हैं। फ़िलहाल इस पीक सीजन में दूर – दूर तक लोग दिखाई नहीं दे रहे है | संक्रमण से बचने के लिए स्थानीय आबादी भी घरों में है |
हिमाचल में अधिकारिक तौर पर 15 अप्रैल से समर सीजन शुरू हो जाता है। बीस मार्च के बाद से प्रदेश में सैलानियों की आमद शुरू हो जाती है। अप्रैल और मई में समर सीजन चरम पर रहता है। मैदानी राज्यों में तपती गर्मी से निजात पाने और स्कूल में छुट्टियां होने से लाखों सैलानी हिमाचल आते हैं।
शिमला, मनाली, डलहौजी, खज्जियार, धर्मशाला, कसौली सहित अन्य पर्यटन स्थल मार्च से मई तक सैलानियों से गुलजार रहते हैं। इस बार लॉक डाउन की वजह से मई में भी प्रदेश में पर्यटन गतिविधियां सुचारु होने की संभावनाएं कम ही नज़र आ रही हैं। अप्रैल और मई में इस समस्या के चलते शिमला के होटल कारोबारियों को काफी अधिक नुकसान हुआ था।
उधर सरकार ने लोगों से कहा है कि उसने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर लॉक डाउन का फैसला लिया है। पर्यटन कारोबार को हो रहे नुकसान से सरकार वाकिफ है। हालात सामान्य होते ही पर्यटन कारोबारियों को कुछ राहतें देते हुए दोबारा से सैलानियों के स्वागत के लिए हिमाचल को तैयार किया जाएगा।