नई दिल्ली / देश के कई राज्यों में भारी बारिश से कहीं बाढ़ आ गई है तो कहीं बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में भी भारी बारिश हुई है। बारिश के दौरान यहां की सड़कें नदी में तब्दील हो गईं थीं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग ने सोमवार को मध्य और पश्चिमी भारत में भारी बारिश की आशंका जताई है। इसके लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इन क्षेत्रों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना के साथ चेतावनी जारी किया है।
शनिवार को पूर्वी राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के लिए चेतावनी जारी की गई थी। रविवार के लिए जारी चेतावनी में पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना जताई गई है तो सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने रविवार को ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान और बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। विभाग ने मध्यप्रदेश के छह जिलों होशंगाबाद, जबलपुर,बेतुल, नरसिंहपुर, सिवनी और हरदा जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
आईएमडी ने मुंबई, ठाणे, रायगढ़ और कोंकण के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। मौसम विभाग ने पूर्वी मध्यप्रदेश पर निम्नलिखित दबाव बनने और संबद्ध चक्रवाती प्रवाह के चलते, मध्य महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र और घाट के क्षेत्रों में अगले 48 घंटों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक-दो दिनों में बंगाल की खाड़ी में नए मानसून तंत्र बन सकते हैं। इससे अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है।
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने कहा कि “मध्य भारत में बहुत भारी बारिश हुई है। यह एक और दिन के लिए भारी से बहुत भारी बारिश रिकॉर्ड कर सकता है। लेकिन अब मानसून की बारिश दक्षिण राजस्थान और गुजरात में केंद्रित होगी। इससे व्यापक शहरी बाढ़ आ सकती है। इस बीच बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक और निम्न दबाव वाला क्षेत्र विकसित होने की संभावना है जो शायद उतना तीव्र न हो। 25 या 26 अगस्त के आसपास दिल्ली-एनसीआर में कुछ बारिश हो सकती है।”
केंद्रीय जल आयोग ने अपनी बाढ़ की स्थिति की रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि पूर्वी मध्यप्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोंकण क्षेत्र और गोवा में भी बाढ़ का मध्यम खतरा है।
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आईएमडी की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, पूर्व-पश्चिम कतरनी क्षेत्र (हवा की दिशा और वेग में परिवर्तन का क्षेत्र) पूरे मध्य भारत में चल रहा है। इन अनुकूल परिस्थितियों के कारण, अगले दो से तीन दिनों में मध्यप्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में बहुत भारी बारिश की संभावना है। 22 और 23 अगस्त के दौरान पूर्वी राजस्थान और गुजरात में, पश्चिमी मध्यप्रदेश में और उत्तर, मध्य महाराष्ट्र में 22 अगस्त को और सौराष्ट्र और कच्छ में 22 से 23 अगस्त तक अत्यधिक बारिश होने की संभावना है।