गुहावटी वेब डेस्क / देश में एक ओर भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल है, तो दूसरी ओर असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में तेज बारिश से लोगों का बुरा हाल है | यहाँ कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अकेले असम के सात जिलों में करीब दो लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उत्तर पूर्वी भारत के अधिकांश राज्यों में मंगलवार से लगातार बारिश हो रही है, जिनसे बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। लोगों को सुरक्षित ठिकानों में भेजा जा रहा है | राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर है | ब्रह्मपुत्र और जिया भराली नदी खतरे के निशान से ऊपर आ गई है |
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार धेमाजी, लखीमपुर, दर्रांग, नलबाड़ी, गोलपारा, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया के 17 राजस्व इलाकों में 229 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इन गांवों के कुल 1,94,916 लोग बाढ़ग्रस्त हैं, जिनमें से 9,000 लोगों ने धेमाजी, लखीमपुर, गोलपारा और तिनसुकिया में बने 35 राहत शिविरों में भेजा गया है।
राज्य आपदा प्रबंधन के मुताबिक बाढ़ के कारण लगभग 1,007 हेक्टेयर फसल पानी में लबालब हो गई है और 16,500 के करीब पशु और मुर्गी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं। राज्य की अधिकांश नदियां जैसे सोनितपुर में जिया भराली और नेमाटीघाट में ब्रह्मपुत्र खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी जिले के आरजू गांव में एक भूस्खलन के कारण एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। पिछले कुछ दिनों की लगातार बारिश से राज्य के बड़े हिस्से प्रभावित हुए हैं। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपये का मुआवजा देने का एलान किया है। पेमा खांडू ने सभी जिला अधिकारियों को लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से दूर सुरक्षित स्थान पर ले जाने का निर्देश दिया है।
मौसम विभाग ने असम और मेघालय में 26-28 मई तक भारी बारिश के साथ रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक तीनों प्रदेशों में स्थिति गंभीर बनी रहने की संभावना जताई है। फ़िलहाल बाढ़ से उत्पन्न स्थिति के मद्देनज़र NDRF को भी सूचना भेजी गई है | तीनों राज्यों में राहत और बचाव दल अलर्ट पर है |