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Delhi Liquor Policy Case: द‍िल्‍ली के पूर्व ड‍िप्‍टी सीएम की जमानत पर आज होगी सुनवाई, 3 अप्रैल तक ED की ग‍िरफ्त में रहेंगे मनीष स‍िसोद‍िया

नई दिल्ली. Delhi Liquor Policy Case: द‍िल्‍ली की आबकारी नीत‍ि को तैयार करने से लेकर उसके कार्यान्वयन में कथ‍ित अन‍ियम‍ितताओं और व‍ित्‍तीय गड़बड़‍ियों के मामले में पूर्व ड‍िप्‍टी सीएम मनीष स‍िसोद‍िया की न्‍याय‍िक ह‍िरासत 3 अप्रैल तक बढ़ा दी गई थी. लेक‍िन दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज यानी मंगलवार को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. सिसोदिया को सोमवार को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था क्योंकि वो 22 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में हैं.

एक र‍िपोर्ट के मुताब‍िक राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सोमवार को मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 3 अप्रैल, 2023 तक बढ़ा द‍िया था. वहीं उनकी जमानत को लेकर याच‍िका पहले से ही 21 मार्च, 2023 को बहस के लिए सूचीबद्ध है. सोमवार को दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के नेता की न्यायिक हिरासत 14 दिन तक बढ़ने के बाद उनकी और मुश्‍क‍िल बढ़ गईं थीं.

सिसोदिया ने एक ट्रायल कोर्ट में अपनी जमानत याचिका में कहा कि उन्हें हिरासत में रखने का कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा क्योंकि सभी बरामदगी पहले ही की जा चुकी हैं. स‍िसोदिया ने यह भी कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा बुलाए जाने पर वह जांच में शामिल हुए हैं. इस मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. सिसोदिया ने कहा कि वह दिल्ली के डिप्टी सीएम के महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर रहे हैं और समाज में उनकी गहरी जड़ें हैं.

बताते चलें क‍ि द‍िल्‍ली आबकारी नीत‍ि में कथ‍ित भ्रष्‍टाचार के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने प‍िछले द‍िनों स‍िसोद‍िया को अरेस्‍ट क‍िया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को सीबीआई रिमांड पर भेजते हुए निर्देश दिया था क‍ि रिमांड अवधि के दौरान अभियुक्तों से पूछताछ सीसीटीवी कवरेज वाले किसी स्थान पर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित की जाएगी और उक्त फुटेज को सीबीआई द्वारा संरक्षित किया जाएगा. इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंस‍ियां सीबीआई और ईडी दोनों ही उनको ग‍िरफ्तार कर मामले की जांच कर रही हैं.

इससे पहले, ट्रायल कोर्ट ने पाया कि आरोपी पहले दो मौकों पर मामले की जांच में शामिल हुआ. लेकिन इसको भी देखा गया है कि वह पूछताछ के अधिकांश सवालों के संतोषजनक जवाब देने में विफल रहा. वहीं अब तक पेश क‍िए गए कथ‍ित रूप से आपत्‍त‍िजनक सबूतों को लेकर आरोपी अपने बचाव में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है.

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