
Petrol Diesel Price Today: भारत में ईंधन की कीमतें उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक बड़ा मुद्दा बनी हुई हैं. पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज़ाना बदलती हैं, जिसका असर आम लोगों से लेकर उद्योगों तक पर पड़ता है. 29 सितंबर को कीमतें स्थिर रहीं, लेकिन कई शहरों में इनके दामों में थोड़ा अंतर देखा गया. आइए, इस विषय पर विस्तार से जानें.
जून 2017 से भारत में गतिशील ईंधन मूल्य पद्धति लागू है. इसके तहत हर सुबह 6:00 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतें अपडेट की जाती हैं. यह व्यवस्था वैश्विक तेल कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर काम करती है.
शहरों में ईंधन की कीमतें
भारत के प्रमुख शहरों में 29 सितंबर को ईंधन की कीमतें इस प्रकार रहीं:
दिल्ली
पेट्रोल: ₹94.77 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.67 प्रति लीटर
मुंबई
पेट्रोल: ₹103.50 प्रति लीटर
डीजल: ₹90.03 प्रति लीटर
कोलकाता
पेट्रोल: ₹104.95 प्रति लीटर
डीजल: ₹91.76 प्रति लीटर
चेन्नई
पेट्रोल: ₹101.23 प्रति लीटर
डीजल: ₹92.34 प्रति लीटर
अहमदाबाद
पेट्रोल: ₹94.29 प्रति लीटर
डीजल: ₹89.95 प्रति लीटर
बैंगलोर
पेट्रोल: ₹102.92 प्रति लीटर
डीजल: ₹90.99 प्रति लीटर
गुड़गांव
पेट्रोल: ₹95.3 प्रति लीटर
डीजल: ₹87.77 प्रति लीटर
हैदराबाद
पेट्रोल: ₹107.46 प्रति लीटर
डीजल: ₹95.7 प्रति लीटर
ईंधन की कीमतों को क्या प्रभावित करता है?
भारत अपनी 80% से अधिक तेल आवश्यकताओं का आयात करता है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतें घरेलू कीमतों पर बड़ा असर डालती हैं. इसके अलावा, कई अन्य कारक भी कीमतों को प्रभावित करते हैं:
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क: केंद्र सरकार द्वारा लगाया गया कर.
- वैट: राज्य सरकारें अलग-अलग दरों पर मूल्य वर्धित कर लगाती हैं.
- परिवहन लागत: ईंधन को रिफाइनरी से पंप तक लाने की लागत.
- डीलर और रिफाइनिंग मार्जिन: तेल कंपनियों और डीलरों का लाभ.
वर्तमान में, पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं हैं, जिसके कारण राज्य-स्तरीय करों से कीमतों में अंतर होता है.
उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर असर
ईंधन की कीमतें स्थिर होने के बावजूद, व्यवसायों पर दबाव बना हुआ है. परिवहन, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में ईंधन की लागत उत्पादन खर्च को बढ़ाती है. इससे सामान की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो अंततः आम उपभोक्ताओं पर बोझ डालती हैं. आम लोग भी पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों से परेशान हैं, क्योंकि यह उनके मासिक बजट को प्रभावित करता है. ईंधन की कीमतों में स्थिरता उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक तेल बाज़ार में अस्थिरता के कारण भविष्य में कीमतें बढ़ सकती हैं.