अंबिकापुर / हरियाणा का एक युवक अपने 15 साथियों के साथ पिछले महीने अंबिकापुर आया था। यहां सभी शहर में फेरी लगाकर जूते-चप्पल बेचते थे। इसी बीच लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद प्रशासन द्वारा सभी को प्रतीक्षा बस स्टैंड के पास स्थित एक लॉज में रुकवाया गया था।
यहां शुक्रवार की रात युवक मोबाइल पर बात करते-करते छत पर चला गया। कुछ देर बाद जब साथियों ने ऊपर जाकर देखा तो वह फांसी पर झूल रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी। युवक ने किस कारण से आत्महत्या की, इसका पता नहीं चल सका है। प्रशासन व पुलिस उसका शव भिजवाने की व्यवस्था कर रही है।
हरियाणा के पानीपत स्थित वार्ड क्रमांक-14 नरयाणा निवासी रमेश पिता राजेंद्र 34 वर्ष 18 मार्च को अपने 15 अन्य साथियों के साथ अंबिकापुर आया था। सभी शहर में घूम-घूम कर जूते-चप्पल बेचने का काम कर रहे थे। इसी बीच 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा किए जाने से सभी शहर में ही फंस गए। रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें प्रतीक्षा बस स्टैंड गंगापुर स्थित श्याम लॉज में ठहराया गया था। यहां हर रात लॉज के छत पर जाकर रमेश किसी से मोबाइल पर बात करता था। शुक्रवार की रात भी वह खाना खाकर छत पर बात करने चला गया।
जब वह काफी देर तक नहीं लौटा तो संजय नामक साथी छत पर गया। उसने यहां जो नजारा देखा उससे उसके होश उड़ गए, रमेश टी-शर्ट का फंदा बनाकर रस्सी के सहारे फांसी पर झूल रहा था। उसकी मौत हो चुकी थी। फिर उसने मामले की सूचना लॉज प्रबंधन के द्वारा बस स्टैंड पुलिस सहायता केंद्र में दी।
सूचना पर सहायता केंद्र व कोतवाली पुलिस ने शनिवार की सुबह शव को फंदे से उतरवाया। पंचनामा पश्चात उन्होंने शव को पीएम के लिए भिजवाया। पुलिस द्वारा यह सूचना प्रशासन को दी गई। उसके घरवालों को भी मोबाइल से जानकारी दी गई। इधर प्रशासन-पुलिस द्वारा उसका शव उसके गृहग्राम भेजने की तैयारी की जा रही है।
लॉकडाउन में फंसे होने के बाद प्रशासन ने सभी 16 लोगों के रुकने व दोनों टाइम भोजन की व्यवस्था कराई थी। प्रशासन ने लॉज वाले को भी निर्देशित किया था कि उनसे किराया न ले। इसके बाद भी युवक ने किस कारण फांसी लगाई, इसका पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।