कोलकाता वेब डेस्क / देश में पश्चिम बंगाल कोरोना संक्रमण का हब बनते जा रहा है | केंद्र सरकार की गाईड लाइन का पालन नहीं करने से यहां दिनों दिन स्थिति ख़राब होती जा रही है | राज्य में अब तक 190 संक्रमितों का इलाज जारी है | जबकि 7 की मौत हो चुकी है | हालात यह है कि लॉक डाउन का पालन नहीं करने से फैले संक्रमण के चलते चार अस्पतालों और दो नर्सिंग होम को बंद कर दिया गया है |
इन अस्पतालों में मरीज और डॉक्टर दोनों कोरोना वायरस पॉजीटिव पाए गए हैं. इन अस्पतालों और नर्सिंग होम्स से जुड़े करीब 300 लोगों को निगरानी में रखा गया है. ये अस्पताल कोलकाता और हावड़ा में हैं. राज्य में 13 अप्रैल तक कोरोना के 110 मामले सामने आए थे | लेकिन एक ही दिन में 14 अप्रैल को शाम 3 बजे तक बढ़कर 90 हो गए |
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जिन अस्पतालों में नये मरीज भर्ती हुए है उनमे एसएस चटर्जी हार्ट क्लीनिक, चरनोक अस्पताल, हावड़ा जनरल अस्पताल, एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और कोलकाता मेडिकल कॉलेज शामिल है |
जानकारी के अनुसार एक महिला मरीज से डॉक्टरों को कोरोना फैला है | सबसे पहले हावड़ा जनरल अस्पताल में संक्रमण फैला. यहां पर मार्च के आखिरी सप्ताह में 48 साल की एक महिला की मौत हुई थी | उसकी पीएम और सैंपल रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव पाई गईं थी | इस पर सरकार ने अस्पताल को बंद कर दिया. फिर अस्पताल के दो डॉक्टर, एक सुपरिटेंडेंट और एक स्वीपर कोरोना पॉजीटिव हो गया था | यहां ऐसे में 200 से ज्यादा लोगों को क्वारंटीन किया गया है | कोलकाता के अन्य तीन अस्पतालों में भी ऐसे ही केस सामने आए है | यहां डायलिसिस मरीज से चार अन्य मरीजों में कोरोना वायरस फैला |
चरनोक अस्पताल के बारे में बताया गया है कि यहां पर दो सप्ताह पहले एक मरीज को डायलिसिस पर रखा गया था | बाद में उसकी मौत हो गई थी | इस मरीज की सैंपल रिपोर्ट में उसे कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि भी हुई है | इस नर्सिंग होम के प्रबंधन को बाद में जानकारी मिली कि चार और मरीजों को भी उसी समय डायलिसिस पर रखा गया था | अब वे भी कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं | इसके बाद नर्सिंग होम को बंद कर दिया गया | इसके सभी कर्मचारियों को क्वारंटीन किया गया है |
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स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अस्पतालों को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं | एक अधिकारी ने न्यूज़ टुडे से कहा कि वे मेडिकल स्टाफ के संक्रमित होने से चिंतित हैं | उनके मुताबिक डॉक्टर. नर्स और अस्पतालों की पहले से ही कमी है , अगर हालात नहीं सुधरे तो कोरोना और गैर कोरोना वाले मरीजों का इलाज मुश्किल हो जाएगा |
उधर तेजी से फैल रहे संक्रमण के चलते ममता सरकार के रवैये पर सवाल उठने लगे है | इस मामले में एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के जनरल सेक्रेटरी मानस गुमटा ने राज्य सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है | उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों को लेकर सही से गाइडलाइंस नहीं दीं है | इसके चलते अस्पताल भी संदिग्ध मरीजों को अलग नहीं रख रहे हैं | उन्होंने चिंता जाहिर की कि | यदि इतने डॉक्टर, नर्स और मरीज संक्रमित होंगे तो हालात खतरनाक हो जाएंगे |