Friday, September 20, 2024
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छतीसगढ़ में ओले-ओले, बारिश और कडाके की ठण्ड, लोग घरों में कैद, साग, सब्जी, दलहन, तिलहन, सरसों और मौसमी फसलें तहस-नहस….

रायपुर:- छत्तीसगढ़ में पिछले 2 दिनों से पारा नीचे की ओर गोता लगा रहा है। ओले और अतिवृष्टि से खेत खलिहानों का बुरा हाल है। अचानक कडाके की ठण्ड पड़ने से लोग अपने घरों में दुबक गए हैं । गली चौराहों में जल रहे अलाव बता रहे हैं कि ठण्ड से उनका हाल बेहाल है। बारिश और शीत लहर से पूरा प्रदेश प्रभावित है। लगातार बारिश और ओलावृष्टि से सामान्य जनजीवन और फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है। बारिश और बादल छाए रहने से प्रदेश में सर्दी काफी बढ़ गई है वहीँ ओलावृष्टि के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुचा है। किसानो के मुताबिक़ चना,तिवरा, सरसो,अरहर की फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। न्यूज़ टुडे से चर्चा करते हुए किसानो ने बताया कि आसमान में बादल छाए रहने से सब्जी की फसलों में कीटों के प्रकोप का खतरा बढ़ गया है। खेतों में ओला पड़ने से पौधों को नुक्सान पंहुचा है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा, बस्तर,बलरामपुर जिले सहित कई स्थानों पर तेज़ आंधी के साथ बारिश और भारी मात्रा में ओलावृष्टि होने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है । बस्तर और जगदलपुर में बारिश के साथ ओले पड़े। जबकि रायपुर, दुर्ग, महासमुंद व गरियाबाद में भीषण बारिश से फसलों के साथ साथ साग सब्जी की पैदावार खतरे में पड गई है। प्रदेश के ज़्यादातर इलाकों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बे मौसम बारिश ने सहकारी समितियों के लिए भी धान को सुरक्षित रखने के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। धान खरीदी केन्द्रों पर भी बारिश का काफी असर पड़ा है।
मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की सम्भवना है तो कहीं कहीं गरज चमक के साथ ओले पड़ने की भी प्रबल सम्भवना बताई गई है। ओलावृष्टि की सम्भवना छत्तीसगढ़ सहित मध्यप्रदेश के भी कई इलाकों में जताई गई है।

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