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किराना दुकानें हफ्ते में सिर्फ तीन दिन खुलेंगी, अन्य संस्थानों को भी खोलने को लेकर नई गाइडलाइन जारी

रायपुर / छत्तीसगढ़ की राजधानी लॉकडाउन लगभग खत्म होने जैसे हालात बन रहे हैं। प्रशासन ने बाजारों को बड़ी ढील दे दी है। करीब 50 दिन के बंद के बाद राजधानी में हार्डवेयर, पेंट, सेनेटरी, मार्बल, टाइल्स, सीमेंट, लोहा, जूता, कपड़े की दुकानें सोमवार और गुरुवार को दो दिन खुलेंगी। पहली बार किराना दुकानों पर बंदिश लगा दी गई है। किराना दुकानें अब हफ्ते में तीन दिन सोमवार, बुध और शुक्रवार को खुलेंगी। बाकी दिनों में किराना दुकानें बंद रहेंगी। जरूरी सेवाएं दवा, दूध, अस्पताल, सब्जी, फल, डेयरी, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी हफ्ते में सातों दिन संचालित होंगे। 

पंडरी में सोमवार और बुधवार को सड़क से राइट साइड और मंगलवार व गुरुवार को लेफ्ट साइड की दुकानें खुलेंगी। जयस्तंभ चौक से कोतवाली चौक तक स्थित दुकानें भी नई गाइडलाइन के अनुसार खुलेंगी। मालवीय रोड की एक तरफ यानी राइट साइड की दुकानें सोमवार एवं बुधवार और दूसरे ओर की दुकानें मंगलवार एवं गुरुवार को खुलेंगी। कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन ने साफ कर दिया है कि सूची में जिस कारोबार या दुकानों का जिक्र नहीं है वो नहीं खुल सकती हैं। केवल उन्हीं दुकानों को खोलना है जिन्हें अनुमति दी गई है। इसके अलावा दुकानें खुली तो कार्रवाई की जाएगी।

शहर के सभी होटल और रेस्टोरेंट खुलेंगे। मगर यह सिर्फ पार्सल बेच सकेंगे।  सभी को ऑनलाइन डिलिवरी ही करनी होगी। स्वीगी, जोमैटो या अन्य एप से लोग फूड आइटम घरों में मंगवा सकेंगे। इस दौरान किराना सामान, सब्जी, दवा की भी होम डिलिवरी जारी रहेगी। मोबाइल, सराफा, स्टील और बर्तन दुकानें नहीं खोलने से नाराज व्यापारिक संघ दिनभर सक्रिय रहे।

व्यापारी संघों के पदाधिकारियों ने रविवार को सांसद सुनील सोनी, विधायक कुलदीप जुनेजा और कलेक्टर से मुलाकात की। कारोबारियों ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की सभी बाजारों को छूट दी गई, लेकिन मोबाइल और सराफा पर बंदिश है। कैट के प्रदेशाध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में व्यापारी सभी अफसरों के पास पहुंचे। सांसद और विधायक ने मौके पर ही कलेक्टर से फोन पर बात की। इसके बाद व्यापारियों को भरोसा दिलाया गया कि इस हफ्ते सराफा और मोबाइल दुकानों को भी अनुमति दे दी जाएगी। मुलाकात के दौरान पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, महामंत्री लालचंद गुलवानी, तरल मोदी, राजेश वासवानी, अजीत सिंह कैंबो, मांगीलाल मालू भंसाली आदि मौजूद थे।

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