बेंगलुरु / अपने घर का सपना किसी भी दंपत्ति के लिए वो अनोखा एहसास होता है , जहां वे आंगन में माली बनकर अपने परिवार को सींचते है | ऐसा ही एक सपना इस दंपत्ति ने देखा था | घर की बुनियाद रखी गई | पति-पत्नी ने बड़े जतन से उसके निर्माण का कार्य शुरू कराया | इससे पहले कि वे अपने इस सपने को पूरा होते देख पाते एक हादसे में पत्नी की मौत हो गई | इस दंपत्ति के सपने यही चकनाचूर हो गए | लेकिन पति ने हिम्मत नहीं हारी | उसने अपनी पत्नी से जो वादा किया था उसे निभाने के लिए कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी | इसके लिए उसने जो किया , उसे देखकर लोगों की आंखे नम हो गई | लेकिन पति की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा | मौत के बाद भी जब उसकी पत्नी ने गृह प्रवेश किया तो मारे खुशी के पति की आँखों से आंसू छलक पड़े | बेंगलुरु में इस अनोखे गृह प्रवेश की चर्चा घर घर में हो रही है |
दरअसल कोरोना वायरस के महासंकट के बीच बेंगलुरु के एक इलाके में खुशी और गम दोनों ही दृश्य दिखाई दिए | कोरोना से जूझ रहे एक इलाके में ऐसा नजारा लोगों ने पहले कभी नहीं देखा | एक घर में गृह प्रवेश हो रहा था | गृहलक्ष्मी मानों स्वर्ग से उतर आई हो | इस परिवार में गृह प्रवेश के दौरान किसी के आँखों से ख़ुशी के आंसू बह रहे थे तो कुछ के चेहरे पर गम भी दिखाई दे रहा था | कभी ख़ुशी कभी गम वाले इस माहौल में कुछ लोगों के चेहरे पर मुस्कान दिखाई दे रही थी | दरअसल इस वक्त घर की लक्ष्मी ने गृह प्रवेश किया था | उसके कदम इस घर में दस्तक देने के लिए इंतजार कर रहे थे | ये और बात है कि उसके जीते जी ऐसा नहीं हो पाया | श्रीनिवास की पत्नी माधवी तिरुपति की यात्रा के दौरान एक एक्सीडेंट का शिकार हुई थीं, जिसमें उनकी मौत हुई थी. हालांकि, इस हादसे में दोनों बेटियों को भी चोट पहुंची लेकिन बाद में वो ठीक हो गईं |
दरअसल, कोप्पल के रहने वाले एक व्यापारी श्रीनिवास गुप्ता की पत्नी माधवी का 2017 में कार एक्सीडेंट में निधन हो गया था | माधवी और उसके पति ने अपने एक नए घर का सपना देखा था | उन्होंने उसका जो निर्माण कार्य शुरू किया था वो अब जाकर पूरा हुआ | श्रीनिवास गुप्ता ने नए घर में अपनी पत्नी के साथ प्रवेश किया | भले ही उनकी पत्नी इस दुनिया में ना हो | लेकिन उसका उन्हें उस वक्त एहसास हुआ जब हूबहू उनकी पत्नी के सिलिकॉन के पुतले ने अपने इस नए घर में प्रवेश लिया | इस नजारे को जिसने भी देखा वो गदगद हो गया | पति-पत्नी के प्रेम संबंधों की ऐसी कहानियां इतिहास में दर्ज है | लेकिन मौजूदा दौर में घटित होती नहीं दिखाई देती |
श्रीनिवास के मुताबिक उन्होंने बेंगलुरु के आर्टिस्ट श्रीधर मूर्ति से संपर्क किया और उनकी पत्नी की कद काठी वाला एक पुतला तैयार करने को कहा | इस आर्टिस्ट ने एक साल की मेहनत के बाद उनकी पत्नी का स्टैच्यू बनाया है | इसके लिए उसने सिलिकॉन का इस्तेमाल किया | श्रीनिवास ने बताया कि पहले उनके विचार में मोम का पुतला आया था लेकिन आर्टिस्ट ने सलाह दी कि यहां गर्म इलाका है, ऐसे में सिलिकॉन का स्टैच्यू ही बेहतर रहेगा |
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नए घर में प्रवेश के दौरान श्रीनिवास गुप्ता भावुक नजर आये | उन्हें एहसास हुआ कि वे अकेले नहीं बल्कि नए घर में अपनी पत्नी के साथ लौटे है | उन्हें काफी खुशी हुई कि उनकी पत्नी का गृह प्रवेश का यह सपना आज पूरा हुआ है | उधर श्रीनिवास की दोनों बेटियों ने अपनी माँ का श्रृंगार किया | उसे परंपरागत रूप से सजाया संवारा | मानों उनकी माँ स्वर्ग से सीधे इस घर में डेरा डाला हो | फ़िलहाल स्वर्ग से सुंदर इस घर में माता पिता का प्यार बरस रहा है |