मुंबई वेब डेस्क / महाराष्ट्र में एक ओर कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है , राज्य में अब तक संक्रमितों का 1364 आंकड़ा पहुंच गया है , जबकि मरने वालों की संख्या 97 है | इतनी गंभीर परिस्थितियों के बावजूद शिवसेना के करीबी उद्योगपति परिवारों को सैर सपाटे की छूट दी गई थी | फ़िलहाल वाधवान परिवार के 23 सदस्य मुंबई पुलिस की हिरासत में है | उनसे पूछताछ के लिए सीबीआई भी दिल्ली से मुंबई रवाना हुई है | दरअसल यस बैंक घोटाले को लेकर पूछताछ के लिए वाधवान परिवार की कई सदस्य सीबीआई को ढूंढे नहीं मिल रहे थे | लेकिन मुंबई पुलिस की हिरासत में आने के बाद उनसे पूछताछ की राह दिखाई दे रही है | यही नहीं इस परिवार को लॉक डाउन के बावजूद सैर सपाटे के लिए अनुमति देने वाले अधिकारी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है | इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सवालों के घेरे में है |
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देश
में जारी लॉकडाउन के बीच यस बैंक मामले से जुड़े डीएचएफएल के प्रमोटर्स कपिल
वाधवान और उनका परिवार महाबलेश्वर पहुंच गया। इस मामले को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री
उद्धव ठाकरे विवादों में है | गृह मंत्री अनिल देशमुख निजी तौर पर इस मामले को देख रहे है | हालांकि गृह विभाग में तैनात प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता , मीडिया के निशाने में आने के बाद आवश्यक छुट्टी पर चले गए है | उधर लॉक डाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर कपिल वाधवान सहित पूरे परिवार के खिलाफ
मामला दर्ज किया गया है।
गृह मंत्री देशमुख ने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ चर्चा के बाद प्रधान सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता को उनके खिलाफ जारी जांच के पूरा होने तक तत्काल प्रभाव से अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया गया है। कानून सभी के लिए समान है।’ इससे पहले उन्होंने कहा था कि वाधवान परिवार के 23 सदस्य महाबलेश्वर कैसे पहुंचे इसकी जांच होगी। जिसके बाद राज्य सरकार ने यह कार्रवाई की है। इस कार्रवाई को सरकार की फेस सेविंग बताया जा रहा है |
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दरअसल, गृह विभाग में तैनात प्रमुख सचिव (विशेष) अमिताभ गुप्ता ने वाधवान परिवार के 23 लोगों को कथित तौर पर महाबलेश्वर की यात्रा करने की इजाजत दे थी। दोनों पिता-पुत्र कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों को हिरासत में ले लिया गया है।
एक आधिकारिक लेटरहेड पर जारी पत्र में गुप्ता ने लिखा था कि ‘निम्नलिखित (व्यक्ति) को मैं अच्छी तरह से जानता हूं क्योंकि वे मेरे पारिवारिक मित्र हैं और परिवार में आई आपात स्थिति की वजह से वह खंडाला से महाबलेश्वर तक की यात्रा कर रहे हैं।’
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पत्र में पांच वाहनों का विवरण दिया गया था जिसमें ये 23 व्यक्ति यात्रा कर रहे थे। इसमें वाधवान परिवार के वाहन भी शामिल थे। उधर मामले के खुलासे के बाद सरकार के इस कदम से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विवादों में घिर गए है | एक तरफ वे सभी लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दे रहे है। वही प्रभावशील परिवारों को उनके अफसर आवश्यक कार्य से सैर सपाटे के लिए भेज रहे है |
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उधर यस बैंक घोटाले मामले में तफ्तीश के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों ,सीबीआई और ईडी ने महाराष्ट्र पुलिस से वाधवान परिवार को लेकर संपर्क किया है । वाधवान
परिवार के सदस्यों को महाबलेश्वर की स्थानीय पुलिस ने शहर आने के बाद गुरुवार को
शैक्षणिक क्वारंटाइन में रखा है। लॉकडाउन के नियमों का
उल्लंघन के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है। लॉकडाउन के आदेशों
का उल्लंघन करने पर महाबलेश्वर पुलिस स्टेशन में डीएचएफएल समूह के कपिल वधावन और 22 अन्य (उनके परिवार के सदस्यों और नौकरों) के
खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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उधर पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि , ‘क्या महाराष्ट्र में अमीरों और धनवानों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है? कोई भी पुलिस की आधिकारिक अनुमति से महाबलेश्वर में छुट्टियां बिता सकता है।’