नई दिल्ली / Amazon और Flipkart की फेस्टिवल सेल के बीच सरकार ने इन दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी किया है | ये नोटिस अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे प्रोडक्ट्स के बार में अनिवार्य जानकारी नहीं देने पर जारी किया गया है | ये नोटिस उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्रालय के तहत आने वाले उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा जारी किए गए हैं। नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों के अपने प्लेटफॉर्म पर बेचे जा रहे सभी उत्पादों के बारे जानकारियां देनी होती है जैसे वो किस देश में बना है वगैरह | हालांकि दोनों दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनियों ने नोटिस पर अबतक कोई कमेंट नहीं किया है | कंपनियों से 15 दिन के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। विभाग का कहना है कि कुछ ई-कॉमर्स कंपनियां अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लीगल मेट्रोलॉजी नियम 2011 के तहत अनिवार्य घोषणाओं का पालन नहीं कर रहीं हैं |
फ्लिपकार्ट इंडिया प्राइवेट लि.और अमेजन डेवलपमेंट सेंटर इंडिया प्राइवेट लि. को भेजे गए नोटिस के अनुसार वे ई-कॉमर्स इकाइयां हैं और इसीलिए उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि ई-कॉमर्स सौदों के लिए उपयोग होने वाले डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर सभी जरूरी जानकारी दी जाए। नोटिस के अनुसार दोनों कंपनियों ने जरूरी सूचना नहीं दी और कानून का उल्लंघन किया।
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कंज्यूमर अफेयर्स विभाग की ओर से Amazon और Flipkart को नोटिस भेजा गया है, लेकिन राज्यों से भी कहा गया है कि वो ये देखें कि सभी ई-कॉमर्स कंपनियां नियमों का पालन करें | प्रावधान के तहत ऑफलाइन या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचे जाने वाले उत्पादों पर एमआरपी, डेट ऑफ एक्सपायरी, नेट क्वांटिटी और कंज्यूमर केयर डिटेल्स के अलावा कंट्री ऑफ ओरीजिन बताना भी अनिवार्य है। जनवरी, 2018 में सरकार ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैक्ड कमोडिटीज) नियम, 2011 में संशोधन कर कंट्री ऑफ ओरीजिन का एक नया प्रावधान जोड़ा था। जून में, डीपीआईआईटी ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से उनके प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर कंट्री ऑफ ओरीजिन का उल्लेख करने संबंधी इस प्रावधान पर विचार मांगे थे। लद्दाख में भारत और चीनी सेना के बीच हुई झड़प के बाद चीनी उत्पादों के बहिष्कार के चलते इस प्रावधान को कठोतरा से पालन करने का दबाव बनाया जा रहा है।