अच्छी खबर : सिर्फ 73 दिन का इंतज़ार, बाजार में आ जाएगी कोरोना वैक्सीन, केंद्र सरकार का मुफ्त में टीकाकरण, सभी राज्यों को आबादी के अनुसार आवंटित होगी वैक्सीन, वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल भी कामयाबी की ओर

0
4

दिल्ली / केंद्र सरकार ने कोरोना से बचाने वाली वैक्सीन की तैयारी को लेकर पूरी ताकत झोंक दी है | भारत की पहली कोविड वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट में निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार है | अंतिम चरण की टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद इसका निर्माण शुरू हो जायेगा | जानकारी के मुताबिक यह 73 दिनों में बाजार में आ जाएगी। इस वैक्सीन को ‘कोवीशील्ड’ नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत इसे पहुंचाने का खांका तैयार किया है | एनआईपी के तहत इस वैक्सीन को प्रत्येक नागरिक को मुफ्त में लगाया जाएगा | आमतौर पर कई बिमारियों की वैक्सीन इसी कार्यक्रम के तहत मुफ्त लगाई जाती है | केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य में उसकी आबादी के अनुसार वैक्सीन मुहैया कराने वाली है | राज्य सरकारे इसे आम नागरिकों तक मुफ्त में पहुंचाएगी | यह देश का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान होगा |

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने हमें ‘विशेष विनिर्माण प्राथमिकता लाइसेंस’ और 58 दिनों में परीक्षण पूरा करने के लिए परीक्षण प्रोटोकॉल प्रक्रियाओं में बड़ी सहायता की। उन्होंने कहा कि इस तरह, पहली खुराक आज से अंतिम चरण में हो रही है और दूसरी खुराक 29 दिनों के बाद होगी। अंतिम परीक्षण डाटा दूसरे खुराक से 15 दिनों बाद सामने आ जाएगा। उस समय तक, हम ‘कोवीशील्ड’ का व्यवसायीकरण करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि तीसरे चरण के परीक्षण में कम से कम 7-8 महीनों का वक्त लगने की उम्मीद थी। 22 अगस्त से, 17 केंद्रों पर 1600 स्वयंसेवकों पर परीक्षण हो रहा है, यानि की हर केंद्र पर करीब 100 स्वयंसेवकों पर परीक्षण जारी है।

उधर सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि जहाँ भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट केंद्र की सहायता से मुफ्त में उपलब्ध कराएगा वहीँ यह कंपनी इसे भारत छोड़ अन्य देशों को बेचने के लिए स्वतंत्र होगी | हालाँकि उसकी प्राथमिकता पहले हमारा देश होगा | जबकि इस कंपनी ने वैक्सीन को 92 अन्य देशों में बेचने और इसके अधिकार खरीदने के लिए एस्ट्रा जेनेका के साथ एक विशेष समझौता किया है।

केंद्र की मोदी सरकार ने पहले ही इस बात के संकेत दिए हैं कि वह एसआईआई से स्वयं ही वैक्सीन को खरीदेगी और नागरिकों को मुफ्त में इसकी खुराक दी जाएगी। केंद्र ने अगले साल जून तक सीरम इंस्टीट्यूट से 130 करोड़ भारतीय नागरिकों के लिए 68 करोड़ खुराक की मांग की है। उधर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी कहा है कि वैक्सीन का ट्रायल दो माह में पूरा हो जाएगा |

ये भी पढ़े : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 70 हजार नए मामले, 912 मरीजों की गई जान, 30 लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित

डॉ. हर्षवर्धन ने भी कहा है कि देश के वैज्ञानिक कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं | उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि दो माह में ट्रायल पूरा हो जाएगा। उनके मुताबिक वैक्सीन इसी साल लोगों को मिल जाएगी। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल अंतिम चरण में है और तीन व्यक्ति क्लीनिकल टेस्ट के तीसरे चरण में भी पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए करीब 150 से ज्यादा लोगों पर अलग-अलग फेज में ट्रायल चल रहा है। 26 लोगों पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है। इसमें से भी तीन लोग क्लीनिकल ट्रायल के थर्ड फेस में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि इसी साल भारत वैक्सीन देश के लोगों को उपलब्ध करा देगा।