सातारा/ मुंबई: GOOD NEWS TODAY: महाराष्ट्र के सातारा में आज ऐतिहासिक हथियार ‘वाघ नख’ को जनता को समर्पित करने की तैयारी जोर – शोर से चल रही है। दरअसल छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस बाघ के नाखून से बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल खान की जान लेकर अपने शौर्य का परिचय दिया था, उस बाघ के नाखून को अब देश की जनता भी देख पाएगी। इस बाघ के नाखून को लंदन के म्यूजियम से भारत लाया जा रहा है। एकनाथ शिंदे सरकार की तमाम कोशिशों के बाद इसकी स्वदेश वापसी तय हुई है। महाराष्ट्र के सातारा म्यूजियम में ‘वाघ नख’ को रखा जाएगा।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडवीस और अजित पवार और शिवाजी महाराज के वंशज उदयन राजे की उपस्थिति में इसे महाराष्ट्र सरकार के हवाले कर दिया है। वाघ नख एक बाघ के पंजे के आकार का हथियार है, जिसे बुधवार को लंदन के एक म्यूजियम से मुंबई एयरपोर्ट पर लाया गया है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1659 में बीजापुर सल्तनत के जनरल अफजल को मारने में शिवाजी महाराज ने इसी हथियार का इस्तेमाल किया था। यह राजा की दृढ़ता और वीरता का एक स्थायी और पूजनीय प्रतीक है क्योंकि इसका इस्तेमाल शारीरिक रूप से बड़े प्रतिद्वंद्वी को वश में करने और मारने के लिए किया जाता था।
इतिहासकारों ने दावा किया, कि वाघ नख की वापसी के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए लंदन पहुंचे मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार की टीम को यह हथियार अभी सिर्फ जानकारी प्रदर्शित करने के लिए उपलब्ध कराया गया है। उनके मुताबिक असली वाघ नख सतारा में ही है। वहीं एक अन्य शोधकर्ता पांडुरंग बलकावड़े ने एक मराठी टीवी चैनल को बताया कि प्रतापसिंह छत्रपति ने 1818 और 1823 के बीच अपने निजी संग्रह से ‘वाघ नख’ अंग्रेज ग्रांट डफ को दिया था, उन्होंने कहा कि डफ के वंशजों ने इसे संग्रहालय को सौंप दिया है। हालांकि, इंद्रजीत सावंत ने कहा कि डफ के भारत छोड़ने के बाद प्रताप सिंह छत्रपति ने कई लोगों को इसी ‘वाघ नख’ को दिखाया था।
महाराष्ट्र के आबकारी मंत्री ने न्यूज़ टुडे को बताया कि सातारा में इस वाघ नख के भव्य स्वागत की तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि लंदन से लाए गए इस हथियार को बुलेट प्रूफ कवर में रखा जाएगा। इसे अगले सात महीनों के लिए सातारा के एक म्यूजियम में लोगों के दर्शनाथ उपलब्ध कराया जा रहा है। सातारा के प्रभारी और संरक्षक मंत्री ने कहा कि वाघ नख को महाराष्ट्र में लाना प्रेरणादायक है। इसका सातारा में भव्य स्वागत किया जाएगा। सातारा म्यूजियम में आज 19 जुलाई को इसका प्रदर्शन किया जा रहा है।