नई दिल्ली / भारत को कोरोना वैक्सीन को लेकर कई तरह की चर्चा है। इसके साइड इफेक्ट को लेकर लोग माथापच्ची कर रहे है। इस बीच एक अच्छी खबर मिल रही है। बताया जा रहा है कि भारत बायोटेक जल्द ही Nasal वैक्सीन का ट्रायल शुरू करने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के नागपुर में इस नेजल वैक्सीन के पहले और दूसरे फेज का ट्रायल किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, भुवनेश्वर-पुणे और हैदराबाद में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। जहां पर 18 से 65 साल के करीब 40-45 वॉलेंटियर्स का चयन किया जाएगा।गौरतलब है कि भारत बायोटेक अभी भी दो इंट्रा-नेसल वैक्सीन पर काम कर रहा है। दोनों ही वैक्सीन अमेरिका की हैं।
जानकारों के मुताबिक सर्दी जुकाम से पीड़ित मरीजों को जिस तरह से Nasal स्प्रे दिया जाता है, ठीक वैसे ही यह वैक्सीन नाक के जरिए शरीर में पहुंचेगी। भारत से पहले यूनाइटेड किंगडन में Nasal वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। UK में कुल दो Nasal कोरोना वैक्सीन के फेज़ 1 का ट्रायल किया जा रहा है। अभी तक जो भी वैक्सीन बाजार में आई हैं, उसमें व्यक्ति के हाथ पर ही टीका लगाया जाता है। लेकिन Nasal वैक्सीन को नाक के जरिए ही दिया जाएगा। चूंकि नाक से ही सबसे अधिक वायरस फैलने का खतरा रहता है, ऐसे में इस वैक्सीन के कारगर होने की अधिक संभावना है।
वाशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसन की रिसर्च के मुताबिक, अगर नाक के द्वारा वैक्सीन दी जाती है तो शरीर में इम्युन रिस्पॉन्स काफी बेहतर तरीके से तैयार होता है। ये नाक में किसी तरह के इंफेक्शन को आने से रोकता है, ताकि आगे शरीर में ना फैल पाए। भारत में फ़िलहाल दो वैक्सीन को मंजूरी मिली है, ये वैक्सीन हाथ पर इंजेक्शन लगाकर लोगों को दी जाएगी। भारत बायोटेक के डॉ. कृष्णा इल्ला के मुताबिक, उनकी कंपनी ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ करार किया है।
उनके मुताबिक इस Nasal वैक्सीन में दो के बजाय सिर्फ एक मात्र डोज में ही कोरोना का काम तमाम हो जायेगा। उन्होंने बताया कि रिसर्च में पाया गया है कि ये काफी बेहतरीन ऑप्शन है। डॉ. चंद्रशेखर के मुताबिक, अगले दो हफ्तों में Nasal Covaxin का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए उनके पास जरूरी सबूत हैं कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन इंजेक्शन वाली वैक्सीन से बेहतर है। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक जल्द ही इस ट्रायल को लेकर DCGI के सामने अपना प्रस्ताव रखेगा।