दिल्ली वेब डेस्क / कोरोना लॉकडाउन के बीच सिर्फ जरूरी सामान की बिक्री के अलावा बाकी सभी तरह का काम-धंधा बंद है. ऐसे में अब इस बात की मांग उठने लगी है कि शराब की ऑनलाइन बिक्री की इजाजत दी जाए. कनफेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेजेज कंपनीज (CIABC) ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लेटर लिखकर शराब की ऑनलाइन बिक्री की इजाजत देने की मांग की है. संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से सभी शराब की दुकानें और कारखाने बंद हैं, ऐसे में राज्यों को आबकारी के रूप में भारी नुकसान हो रहा है.
उधर देशभर में निवासरत शराब के शौकीनों ने कही पत्र लिखकर तो कही ईमेल और ट्विटर पर शराब उपलब्ध कराने को लेकर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को अपनी समस्याओं से अवगत कराया है | मंत्रियों ने पत्रों-संदेशों पर संज्ञान भी लिया है | लेकिन प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है | CIABC के महानिदेशक विनोद गिरी ने लेटर में लिखा है, ‘सोशल डिस्टेंसिंग के लिए सरकार होम डिलिवरी की व्यवस्था शुरू कर सकती है. हमारा यह मानना है कि सरकार होम डिलिवरी के लिए अपना पोर्टल शुरू कर सकती है या डिलिवरी एग्रीग्रेटर को इसकी इजाजत दे सकती है.’
CIABC के साथ ही इंटरनेशनल स्पिरिट ऐंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार से कहा है कि जिन जगहों को कोरोना हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, उनके अलावा बाकी सभी जगहों पर चरणबद्ध तरीके से शराब की दुकानों को खोला जाए. दुकानों को लंबे समय तक खोलने की इजाजत हो ताकि भीड़ न लगे |
यह मांग इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है कि शराब राज्यों के राजस्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई राज्य सरकारें भी यह चाह रही हैं कि शराब की बिक्री शुरू हो. राज्यों का करीब 15 से 30 फीसदी राजस्व शराब से आता है और ऐसे संकट के दौर में उनके लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत बंद हो गया है | जानकारी के मुताबिक कई राज्यों में शराब की डिलिवरी की इजाजत मिल भी गई है. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान राज्य में शराब की होम डिलिवरी की इजाजत दे दी है