रघुनंदन पंडा /
दुर्ग / रायपुर रेल मंडल के डीआरएम पर उपभोक्ता अदालत ने 6 हजार रूपये का जुर्माना ठोका है | जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में कहा कि रेलवे अपनी जिम्मेदारी से यह कहकर नहीं बच सकता कि शिकायतकर्ता के अलावा अन्य किसी यात्री ने शिकायत नहीं की | जिला उपभोक्ता फोरम का यह फैसला उन हजारों यात्रियों के लिए नजीर बन सकता है , जो ट्रेन में सफर करते है | आमतौर पर ट्रेन के टॉयलेट गंदे और बदबूदार होते है | कई बार तो टॉयलेट में पानी नहीं होने के चलते यात्रियों को कष्टप्रद सफर करने पर मजबूर होना पड़ता है | शिकायतकर्ता ने जागरूकता का परिचय दिया | उसने रेलवे के आरमदायक सफर को जिला उपभोक्ता फोरम में चुनौती दी | आख़िरकर अपने बचाव की रेलवे की तमाम दलीले गैर-वाजिब साबित हुई | लिहाजा जिला उपभोक्ता फोरम ने रायपुर रेल मंडल के डीआरएम पर परिवादी को हुई मानसिक पीड़ा के लिए पांच हजार और वाद व्यय एक हजार रूपये का जुर्माना ठोका | सारनाथ एक्सप्रेस के एसी – 2 के आरक्षित कोच के टॉयटेल में पानी नहीं होने पर जिला उपभोक्ता फोरम ने रायपुर रेल मंडल को दोषी ठहराया है | फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल व सदस्य राजेंद्र पाध्ये ने डीआरएम रायपुर को एक माह में 6000 हर्जाना जमा करने के आदेश दिए हैं |
सुभाष नगर दुर्ग निवासी जसवंत सिंह के परिवाद पर फोरम ने यह फैसला सुनाया | फैसले में फोरम ने कहा कि रेलवे ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जिस बोगी में शिकायतकर्ता सफर कर रहा था, उसमे बिलासपुर स्टेशन से पहले पानी भरा गया था | फोरम ने कहा कि परिवादी के अलावा किसी अन्य यात्री के शिकायत न करने से रेलवे अपने दायित्व से नहीं बच सकता | चाहे वह सामान्य बोगी हो, आरक्षित या वातानुकूलित बोगी हो | सभी बोगियों में यात्रा के दौरान वॉशरूम में पानी एवं अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी रेलवे की है | सुविधाएँ उपलब्ध नहीं होने और यात्रा के दौरान यात्री को असुविधा होने पर रेलवे ही जिम्मेदार है |

बताया जाता है कि पीड़ित यात्री ने सफर के दौरान सारनाथ एक्सप्रेस क्र. 15159 के एसी कोच के टॉयलेट में पानी न होने की शिकायत टीटी से की थी | लेकिन टीटी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया | नतीजतन अपने अधिकारों को लेकर यात्री की जागरूकता रायपुर डीआरएम पर भारी पड़ गई। अब एक माह के भीतर रायपुर डीआरएम पर इस असुविधा के लिए संबंधित यात्री को 6000 रुपए का हर्जाना देना होगा।
बताया जाता है की सुभाष नगर दुर्ग निवासी जसवंत सिंह ने सुरेमनपुर से दुर्ग वापसी हेतु अपना एवं अपनी पत्नी का रिजर्वेशन सारनाथ एक्सप्रेस क्रमांक 15159 की ए.सी. 2 श्रेणी में कोच संख्या एच.ए.1 में कराया था । कोच में परिवादी को सीट क्रमांक 7 और 8 आवंटित की गई थी । परिवादी ने सही ढंग से सुविधा पाने, असुविधा से बचने व यात्रा को सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त चार्ज भुगतान करते हुए वातानुकूलित श्रेणी में यात्रा के लिए रिजर्वेशन करवाया था। यात्रा प्रारंभ करने के बाद परिवादी ने ट्रेन के टॉयलेट में पानी होना सोचकर टॉयलेट का उपयोग किया परंतु उसमें पानी नहीं आ रहा था, जिसके कारण परिवादी को असुविधा का सामना करना पड़ा। इसकी शिकायत परिवादी द्वारा अडियार स्टेशन तथा बलिया स्टेशन में की गई जिस पर कोच अटेंडेंट एवं टीटीई ने समस्या हल करने का आश्वासन देते हुए दूसरे कोच का टॉयलेट यूज करने को कहा। परिवादी द्वारा इलाहाबाद स्टेशन में भी शिकायत की गई परंतु कोई समाधान नहीं हुआ। इसके अलावा परिवादी ने मोबाइल पर एसएमएस से भी शिकायत की जिसके जवाब में रेलवे द्वारा एक अन्य नंबर दिया गया। 30 घंटे की कष्टप्रद यात्रा के लिए पीड़ित ने जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया था |
