
दिल्ली / लखनऊ : – आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आई है, उन्हें अब एक दो नहीं बल्कि तीन साल तक के लिए सेवाओं का विस्तार किया गया है। नई शर्तो के साथ उनकी भर्ती का प्लान करने वाला राज्य उत्तरप्रदेश बन गया है। योगी सरकार ने आउटसोर्सिंग भर्तियों के लिए कम से कम वेतन 20 हजार रुपए निर्धारित कर दिया है। खास बात यह है कि इन भर्तियों में आरक्षण लागू होगा। योगी कैबिनेट ने आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दे दी है। यूपी में पांच लाख से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी हैं।

उत्तर प्रदेश प्रदेश में सरकारी विभागों में अब आउटसोर्स कर्मी तीन साल तक अपनी सेवा दे सकेंगे। इसके बाद उनका रिन्यूवल किया जा सकेगा। अभी तक एक साल का अनुबंध होता था। कर्मचारियों को कम से कम 20 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। अभी तक न्यूनतम मानदेय करीब 10 हजार रुपये था। इसके साथ ही विभाग अब आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन सीधे नहीं करेंगे। एजेंसियों का चयन उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम जेम पोर्टल के माध्यम से करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी है। वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन के अलावा पीएफ और कर्मचारी राज्य बीमा निगम की सुविधा भी मिलेगी। नई व्यवस्था में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांगजन, भूतपूर्व सैनिक और महिलाओं को नियमानुसार आरक्षण का लाभ मिलेगा। महिलाओं को मैटरनिटी लीव भी मिलेगी।

आउटसोर्सिंग के लिए चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से होगा। कर्मचारियों की कार्यक्षमता और दक्षता बढ़ाने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर 15 हजार रुपये अंतिम संस्कार सहायता के लिए दिए जाएंगे। निगम के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर कर्मचारी को उसका पूरा हक मिले और उसका भविष्य सुरक्षित रहे। नई व्यवस्था में खासतौर पर साफ़ कर दिया गया है कि आउटसोर्स कर्मचारियों से महीने में 26 दिन सेवा ली जा सकेगी। उनका वेतन 1 से 5 तारीख तक सीधे खातों में जाएगा। यही नहीं ईपीएफ और ईएसआई का अंशदान कर्मचारियों के खाते में जाएगा। किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर सेवा तुरंत समाप्त की जा सकेगी।

आउटसोर्सिंग कर्मिकों की श्रेणी व न्यूनतम पारिश्रमिक में अन्य पदों पर भी योगी सरकार ने वेतनमान फिक्स कर दिया है। इसमें श्रेणी एक- चिकित्सीय, अभियंत्रण स्तर 1, व्याख्यान, परियोजना प्रबंधन, लेखा स्तर 1, अनुसंधान (वरिष्ठ) सेवाओं का न्यूनतम पारिश्रमिक 40 हजार रुपये। श्रेणी दो- कार्यालय स्तर 2, आशुलिपिक स्तर 2, लेखा स्तर 2, डाटा प्रोसेसिंग स्तर 2, कला शिक्षण, शारीरिक प्रशिक्षण, शिक्षण सेवाएं स्तर 2, एक्सरे, नर्सिंग, फार्मेसी, परामर्शदाता व सांख्यिकी सेवाओं का न्यूनतम पारिश्रमिक 25 हजार होगा। जबकि श्रेणी तीन- कार्यालय स्तर 3, आशुलिपिक स्तर 3, टंकण, दूरसंचार, भंडार, फोटोग्राफी, डाटा प्रोसेसिंग स्तर 3, पुस्तकालय, इलेक्ट्रिशियन, यांत्रिक, फिटर, प्रयोगशाला परिचालन, पैरामेडिकल, वाहन चालन सेवा का न्यूनतम पारिश्रमिक 22 हजार होगा। इसी तरह से श्रेणी चार- कार्यालय स्तर 4, लिफ्ट ऑपरेटर, प्रयोगशाला स्तर 4, अभिलेख स्तर 4, कार्यालय अधीनस्थ स्तर 4, भंडारण स्तर 4, डाक, रंगरोगन, खान-पान, बागवान, श्रम समेत 43 विशिष्ट सेवा व यांत्रिक, विद्युत, सैनिटेशन, पंपिंग, फायर, सुरक्षा समेत 47 अतिविशिष्ट सेवा का न्यूनतम वेतन 20 हजार होगा।