नई दिल्ली:- कोरोना और उसके नए नए रूप भले ही अभी हमें डरा रहे हों, लेकिन जल्द ही इसका देश दुनिया से सफाया हो जाएगा। अमेरिकी वैज्ञानिक इस शोध में जुटे हुए है। दुनिया के कई देशों में देशी दवाओं के ज़रिए भी इसका खात्मा किया जा रहा है। इस मामले में भारतीय आर्युर्वेद के नुस्खों की चर्चा पूरी दुनिआ में हो रही है। फिलहाल कोरोना वायरस के नए वैारिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। भारत समेत दुनियाभर के कई देश इस संक्रमण से जूझ रहे हैं। कोरोना वायरस का यह नया वैरिएंट तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। बच्चे बूढ़े सभी इसकी चपेट में आ रहे है। ऐसे में चर्चा इसके खात्मे की भी चल पडी है।
हाल ही में वॉशिंगटन के वैज्ञानिक और वायरोलॉजिस्ट डॉ. कुतुब महमूद ने कहा कि, यह महामारी हमेशा के लिए नहीं चल सकती और इसका अंत बहुत पास है. डॉ. कुतुब ने यह भी दवा किया कि शतरंज के इस खेल में कोई विजेता नहीं है, यह एक ड्रॉ मैच की तरह है, जहां वायरस छिप जाएगा और हम वास्तव में जीतेंगे। उनके मुताबिक़ जल्द ही फेसमास्क से छुटकारा मिल सकेगा. तो, उम्मीद है कि हम फिर से आगे बढ़ेंगे. शतरंज के खेल का एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वायरस अपनी चालें चल रहा है और हम इंसान भी अपनी चालों से उसे हराने की कोशिश कर रहे हैं.
वायरोलॉजिस्ट डॉ कुतुब महमूद ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन ही सबसे शक्तिशाली हथियार है. डॉ. कुतुब ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन ही सबसे शक्तिशाली हथियार है. उन्होंने कहा, हमारे पास वैक्सीन, एंटीवायरल और एंटीबॉडी जैसे हथियार हैं जिनका इस्तेमाल हमने वायरस के खिलाफ किया है. उन्होंने कहा कि वायरस अपनी चालें चल रहा है और हम इंसान भी अपनी चालों से उसे हराने की कोशश कर रहे हैं. हमारी चालें काफी छोटी हैं जैसे फेस मास्क पहनना, हैंड सैनिटाइजर इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग. इन चालों से ही हमें कोरोना को मात देनी है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आगे भी कोई म्यूटेंट आते हैं तो हमें उनसे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. अगर पूरी आबादी का टीकाकरण किया जाता है तो हम सभी आने वाले किसी भी तरह के वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं.
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम ने कहा है कि इस महामारी को खत्म करना संभव है लेकिन इसके लिए कुछ कड़े कदम उठाने होंगे.WHO चीफ टेड्रोस एडनॉम ने कहा, “निश्चित रूप से COVID को हराया जा सकता है, लेकिन दुनिया भर की सभी सरकारों और वैक्सीन उत्पादकों को 2 चीजों को लेकर आश्वस्त करना होगा. पहला ये कि ऐसे देश जहां पर वैक्सीन नहीं पहुंच रही है लेकिन कोरोना का जोखिम है, उन देशों में वैक्सीन की सप्लाई को बढ़ाएं. और दूसरा यह कि लोगों को वैक्सीन देने के लिए आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त पूर्ति की जाएगी. हम तब तक कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं, जब तक हर कोई सुरक्षित नही जब तक हर कोई सुरक्षित नहीं है.