बकरीद से पहले बकरा विवाद, हाउसिंग सोसायटी में कुर्बानी के बकरे लाए जाने पर बवाल शुरू, सार्वजनिक स्थानों होने वाली कुर्बानी पर बुद्धिजीवी वर्ग और मस्जिदों के इमामों की प्रतिक्रिया आई सामने….

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मुंबई: महाराष्ट्र में बकरीद से पहले बकरों को लेकर एक बार फिर बवाल छिड़ गया है। हालांकि ईद पर शांति समिति की बैठके जारी है। मुस्लिम समुदाय के कई दिग्गज मौलानाओं और इमामों ने सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी पर रोक जैसे दिशा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का एलान किया है। उन्होंने कुरान की कई आयतों का उल्लेख करते हुए कुर्बानी की परंपरा और उसके तौर-तरीकों से लोगों को अवगत कराया है। हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई वाला नारा बुलंद करते हुए मुस्लिम समुदाय के कई बड़े नेताओं ने इस बार ईद के मौके पर जलसे भी आयोजित किये है। इस मौके पर शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस ने भी व्यापक प्रबंध किये है। उधर, ईद को लेकर राजनीति भी करवट बदल रही है।  

महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्थलों के अलावा हाउसिंग सोसाइटी में भी कुर्बानी पर रोक है। बावजूद इसके कई इलाकों में नियमों के पालन को लेकर बवाल की स्थिति देखी जा रही है। हालांकि इस दिशा में शांति समिति की बैठके अपना असर दिखा रही है, कई इलाकों में स्वमेव अन्य संप्रदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं का आदर करते हुए विभिन्न कमेटियों ने लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी से बचने और नियमों का पालन करने की अपील की है। राज्य के शिक्षा मंत्री नितेश राणे भी इस दिशा में जमकर पसीना बहा रहे है। उन्होंने भी कुर्बानी को लेकर अन्य धर्म संप्रदाय के लोगों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान किये जाने की अपील की है। इसके साथ ही प्रदेश बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने सांप्रदायिक सदभाव के साथ ईद की खुशियाँ बिखेरनी शुरू कर दी है।

महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी और अवशेष फेंकने पर यथावत रोक रहेगी, कुर्बानी के अपशिष्ट को मिट्टी में दबाने और प्रसाद को ढक कर ले जाने की हिदायत दी गई। मुंबई की कई हाउसिंग सोसाइटी में नोटिस चस्पा किया गया है कि बकरा लाने और कुर्बानी देने की इजाजत नहीं है। यह भी स्पष्ट किया है कि सोसाइटी वो किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन फ्लैट में बकरे काटना सही नहीं है। सोसाइटी में बच्चे भी रहते हैं, कुर्बानी से उन्हें बुरा लगेगा। 

पुलिस ने बताया कि नियमों के मुताबिक, किसी फ्लैट में बकरे की कुर्बानी नहीं दी जा सकती है। अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मुंबई के अलावा पुणे, जलगांव, औरंगाबाद समेत कई बड़े शहरों में भी सार्वजनिक कुर्बानी पर आम लोगों की धार्मिक मान्यताओं को समझाने के लिए कई धर्म और संप्रदाय के बुद्धिजीवी भी मैदान में बताये जा रहे है। शांति सभाओं में उनके वक्तव्य गौरतलब बताये जाते है। मुंबई समेत सम्पूर्ण महाराष्ट्र में बकरा ईद पर ऑपरेशन सिन्दूर का भी रंग छाया हुआ है।