बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक युवती को उसके ही परिचित युवक ने मौत के घाट उतार दिया। इस युवक ने लाखो रूपए शेयर मार्केट में लगाए थे। जब युवती ने पैसो की मांग की तो वो कुछ दिनों तक टालते रहा। फिर उसने प्रियंका को ठिकाने लगाने का प्लान बना लिया। दरअसल,शेयर मार्केट में लगाईं गई रकम प्रियंका की ही थी। उसने बचत करके यह रकम इकट्ठा की थी। प्रियंका आईएएस बनना चाहती थी इसके लिए वो भिलाई से पढाई करने बिलासपुर आई थी। कोचिंग क्लास जाते वक्त वो अपने परिचित आशीष की दूकान पर अपनी स्कूटी खड़ा करती। आशीष ने उसकी हत्या कर शव को अपनी कार में रख दिया था।
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लाश ठिकाने लगाते वक्त आशीष इस बात से बेखबर था कि दीवार पर लगी तीसरी आँखों में उसका गुनाह कैद हो गया है। गुमशुदा प्रियंका की खोज खबर के लिए पुलिस के साथ आशीष भी जुटा रहा। लेकिन जल्द ही उसका पर्दाफाश हो गया।
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प्रियंका का आईएएस बनने का सपना साकार होता,इससे पहले उसके परिजन सदमे में है। आशीष को वे प्रियंका का लोकल गार्जियन समझते थे। प्रियंका का परिवार भिलाई सेक्टर-3 में रहता है। प्रियंका की हत्या करने के बाद मेडिकल स्टोर संचालक आशीष पूछताछ के दौरान पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी बनाता रहा। वो पुलिस टीम के साथ घूम कर सीसीटीवी फुटेज खंगालने में सहयोग कर रहा था। एक फुटेज देखने के बाद पुलिस को उसकी कहानी झूठी लगी | संदेह पर पूछताछ शुरू हुई ,इससे हत्या का खुलासा हो गया।
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24 साल की प्रियंका सिंह राजपूत पिता बृजेश सिंह बिलासपुर के दयालबंद इलाके में रह कर PSC की तैयारी कर रही थी। हफ्ते भर से उसका कोई अता पता नहीं था। 15 नवंबर से प्रियंका का मोबाइल बंद था। चिंता होने पर उसका भाई हिमांशु सिंह भिलाई से बिलासपुर पहुंचा। उसने हॉस्टल पहुंच कर अपनी बहन की खोजबीन की।जब परिचितों व हॉस्टल से जब प्रियंका की कोई सूचना नहीं मिली तो हिमांशु को अनहोनी होने की आशंका जाहिर की। उसने सिटी कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।
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लापता प्रियंका की जांच करने पुलिस सीधे हॉस्टल पहुंची। उसका कॉल लोकेशन खंगाला गया। उसका आखिरी लोकेशन सिटी फार्मेसी मिला। पुलिस ने उसके परिचित 27 वर्षीय आशीष पिता ताहर साहू से पूछताछ की। बड़ी चालाकी से आशीष पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी सुनाते रहा। जांच के दौरान पुलिस को आशीष पर शंका हुई। जब हिरासत में लेकर उससे कड़ी पूछताछ हुई तो हत्या का खुलासा हो गया।
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आशीष ने बताया कि उसने प्रियंका को अपने साथ शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए कहा था। लेकिन लाखो की रकम डूब गई। शेयर बाजार में फायदे की जगह नुकसान होने लगा। उसने बताया कि 15 नवंबर की दोपहर लगभग 1 बजे उसकी दुकान पहुंची। उसकी पैसे की मांग को लेकर दोनों के बीच नोकझोंक हुई। इससे उसे गुस्सा आया,उसने दुकान का शटर बंद कर प्रियंका के साथ मारपीट की। फिर उसे जमीन पर पटक कर गला घोंट दिया।
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शनिवार तड़के वह अपनी दुकान पहुंचा। सुबह करीब 4 बजे उसने प्रियंका के शव को कपड़े से लपेटकर कार की पिछली सीट पर रख दिया। उसके मुताबिक उस कार को अपने घर कस्तूरबा नगर में पार्क कर दिया। पड़ोसियों को बदबू ना आए इसलिए उसने कार अगरबत्ती जलाना शुरु कर दिया। फिलहाल आशीष को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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