Sunday, September 22, 2024
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Chhattisgarh Olympics: बस्तर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गिल्ली डंडा – ST ,SC और OBC वर्ग को मिलकर रहेगा आरक्षण का हक

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीसगढ़िया ओलंपिक’ की शुरुआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गिल्ली डंडा चला कर शुरू हो गई है,बस्तर में खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन बघेल ने गिल्ली-डंडा खेलकर किया | वैसे बघेल कई देशी खेल में अपने हाथ-पैर चला चुके है | लेकिन चुनावी साल के करीब आते ही उन्होंने गिल्ली को इतना तेज़ उछाला की वो बीजेपी के पाले में जा गिरी | मसलन काफी दूर, मुख्यमंत्री के डंडे से चली गिल्ली पीटीएस पार हो गई|

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल प्रतियोगिता की शुरुआत हो रही है. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक प्रतियोगिता में दलीय श्रेणी गील्ली डंडा, पिट्ठुल, संखली, लंगडी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी कंचा जैसे पारंपरिक खेलों को शामिल किया गया है| दरअसल,कई परम्परागत तीज-त्योहारो पर मुख्यमंत्री बघेल कभी गेड़ी चढ़ते तो कभी हाथो पर कोड़ा-चाबुक की मार खाते नजर आए है |

उनके पुरानी परम्पराओ को पुनर्जीवित करने के प्रयास ने बीजेपी समेत उनके विरोधियो को राजनैतिक रूप से भले ही चौंका दिया हो लेकिन इसका असर उन लाखो छत्तीसगढ़ियों पर पड़ा है, जो अपनी पुरातन परम्पराओ से दूर हो गए थे | अब एक बार फिर बघेल ने देशी खेलो का आगाज कर बीजेपी पर नई तीरंदाजी की है | इसका असर राजनैतिक धरातल पर नजर भी आने लगा है | राजनैतिक पंडितो को अब समझ में आने लगा है कि बघेल की रणनीति आने वाले समय बीजेपी पर चौतरफा भारी पड़ सकती है |  

मुख्यमंत्री बघेल ने आज बस्तर में दशहरा के महत्वपूर्ण रस्म मुरिया दरबार में शिरकत कर खेल मैदान में अपना जौहर दिखाया | बघेल ने गिल्ली पर इतना तेज़ प्रहार किया की वो मैदान पार कर गई | बतौर खिलाड़ी के रूप में नजर आ रहे बघेल ने कहा कि पारंपरिक खेल छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है | उन्होंने कहा कि खेलकूद शारीरिक विकास के साथ साथ मनोरंजन का भी साधन है| सरकार की मंशा पारंपरिक खेलकूद को बढ़ावा देने की है. गिल्ली डंडा में हाथ आजमाने से पहले बघेल ने माझी, चालकियों के साथ बैठकर भोजन भी किया | 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां आदिवासियों से जुड़े एक बड़े मुद्दे को हवा भी दी | बघेल ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर आरक्षण की अनदेखी का आरोप मढ़ा | उन्होंने कांग्रेस सरकार को आदिवासियों का हितैषी करार देते हुए कहा कि 27 फीसद आरक्षण देने के फैसले को पिछली सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी | बघेल ने यह भी कहा कि सर्वे रिपोर्ट के आधार पर संविधान में मिले हक और मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने की व्यवस्था सरकार करेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि आरक्षण पर हम पीछे हटनेवाले नहीं हैं|

उन्होंने आरक्षण को अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लोगों का अधिकार बताया | बघेल ने वादा किया कि छत्तीसगढ़ के एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग को आरक्षण का हक मिलकर रहेगा | उन्होंने हाईकोर्ट से वर्तमान सरकार की रिपोर्ट को निरस्त करने पर पिछली सरकार की गलती बताया. उन्होंने कहा कि यथास्थिति बनाए रखने का आदेश हुआ है. ऐसे में किसी को भी निराश होने की जरूरत नहीं है. बघेल ने विरोधियों के झांसे में नहीं आने की आदिवासियों से अपील की | 

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