गाजा पट्टी, भूमध्य सागर के किनारे बसा एक छोटा सा इलाका, जो कभी फलस्तीन की सांसों में बसता था, आज मलबे और मौत की कहानियों में तब्दील हो गया है। लगभग 365 वर्ग किलोमीटर में फैले इस क्षेत्र में कभी करीब 20 लाख से अधिक लोग रहते थे। तंग गलियों में बच्चों की हंसी, बाजारों की चहल-पहल और फुटपाथों पर सजी दुकानों से गाजा की पहचान हुआ करती थी। संसाधनों की कमी के बावजूद लोग खुश थे, जीवन जी रहे थे — अपने तरीके से, अपनी रफ्तार से।

सीमित संसाधन, लेकिन मुस्कुराता गाजा
गाजा की अर्थव्यवस्था कभी मजबूत नहीं रही। व्यापार, नौकरी और उद्योगों के मौके सीमित थे। अधिकतर लोग खेती, मछली पकड़ने और छोटे कारोबारों से अपना गुजारा करते थे। बिजली-पानी की सप्लाई सीमित थी, लेकिन फिर भी बाजारों में चहल-पहल थी। सब्जी, फल, कपड़े और मसाले बेचने वाले दुकानें आम जरूरतें पूरी करते थे। बच्चे स्कूल जाते, पार्कों में खेलते और त्योहारों पर खुशी से झूमते थे। परिवार, संस्कृति और सामाजिक समारोह लोगों की ज़िंदगी का हिस्सा थे।

हमेशा बना रहता था खतरे का साया
गाजा के लोग हमेशा एक अदृश्य डर में जीते थे। आए दिन संघर्ष और हिंसा की आशंका उनके मन में घर कर चुकी थी। लेकिन 7 अक्टूबर 2023 को जो हुआ, उसने सब कुछ बदल दिया। हमास के आतंकियों ने इजरायल में घुसकर हमला किया, जिसमें 1200 से अधिक लोगों की निर्मम हत्या हुई। महिलाओं के साथ दरिंदगी की गई, बच्चों तक को नहीं बख्शा गया। 250 से ज्यादा लोग बंधक बना लिए गए।

इजरायल का पलटवार और गाजा का विनाश
इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा पर भीषण हमले शुरू कर दिए। मकसद था हमास का सफाया, लेकिन इसकी कीमत गाजा के आम नागरिक चुका रहे हैं। एक के बाद एक हवाई हमले, रॉकेट और गोलियों की बौछार ने गाजा को खंडहर में बदल दिया है।जहां कभी बाजार गुलजार थे, वहां अब राख उड़ रही है। जहां कभी बच्चे पार्कों में खेलते थे, वहां अब खामोशी और मातम पसरा है। गाजा में खमरी, जल संकट और दवा की कमी ने जीवन को असंभव बना दिया है। हर दिन मासूम लोग मारे जा रहे हैं।

गाजा की नीयति — खंडहर और संघर्ष
आज का गाजा अपने अतीत की परछाई मात्र बनकर रह गया है। रौनक, संस्कृति, त्योहार, परिवार और बच्चों की हंसी — सब इस युद्ध की आग में झुलस चुके हैं।और इजरायल के हमले अभी भी थमे नहीं हैं…
गाजा के हालात आज दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि युद्ध में जीत चाहे किसी की भी हो, हार हमेशा इंसानियत की होती है।
