छत्तीसगढ़ में गौ धन न्याय योजना और गौठान का बुरा हाल, एक ही इलाके में 50 से अधिक गायों की मौत, गौठान, गाय और गोबर पर ध्यान देने के सरकारी दावे पर लगा सवालिया निशान ? विपक्ष का आरोप- गौ संरक्षण सिर्फ विज्ञापनों में, हकीकत से गौ पालक और जनता वाकिफ

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बिलासपुर / बिलासपुर के हिर्री थाना क्षेत्र के ग्राम मेड़पार में 50 से ज्यादा गायों की मौत से बवाल मच गया है | बताया जाता है कि स्थानीय बाजार से पंचायत प्रतिनिधियों ने मिल कर गांव की 70 से अधिक गायों को एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया था | इसमें कई गायों की मौत होने की खबर है। उधर गायों के बेमौत मारे जाने से प्रशासन भी हैरत में है | दरअसल अभी 4 दिन पहले ही 20 जुलाई को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार की महत्वाकांक्षी गौ धन न्याय योजना की शुरुआत की थी | 

इस योजना का असल मकसद गायों की सेवा करना बताया गया है। यह भी कहा गया है कि गायों को लावारिस हालत में ना छोड़कर गौठान में चारा पानी तथा उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर उनकी परवरिश करना है।

लेकिन इस घटना से गौठानों की असलियत सामने आ रही है | गायों की मौत की खबर के बाद फ़िलहाल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया या जानकारी सामने नहीं आ रही है। बताया जाता है कि ग्राम पंचायत ने जिस स्थान पर गायों को रखा था, वहां गंदगी और अँधेरा था |

यही नहीं एक सैकड़ा से ज्यादा गायों को इस कमरे में रखे जाने की शिकायत ग्रामीण कर रहे है | ग्रामीणों के मुताबिक भवन में एक साथ इतने सारी गायों को एक साथ रखने के कारण उनके दमघुटने की आशंका है।

ग्रामीणों के मुताबिक गायों के लिए खाने-पीने के साथ हवा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना भी उनकी मौत का एक कारण है। उधर गायों की मौत की खबर सामने आने के बाद मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार को आड़े हाथों लिया है |

बीजेपी ने कहा है कि राज्य की भूपेश बघेल सरकार सिर्फ विज्ञापनों के सहारे वाह – वाही लूट रही है | जमीनी हकीकत उसके दावों के ठीक विपरीत है | बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने गाय की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है | उन्होंने मामले की जाँच के साथ साथ पीड़ित ग्रामीणों को गायों की मौत के एवज में मुआवजा देने की मांग की है |

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